भाजपा के राज में भाजपा नेता और एक महिला ने कोर्ट के आदेश का नही किया पालन

रिपोर्ट- मुकेश परमार (भीलीभाषा)
आखिर क्यों नही हुई गिरफ्तारी के सवाल पर क्यो खामोश पुलिस

क्या भाजपा जिला अध्यक्ष भानु शराब माफिया को करेंगे भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित
झाबुआ/ झाबुआ जिले के ग्रामीण इलाके से आने वाले भाजपा नेता और शराब सिंडिकेट के नामी परिवार की बहू की गिरफ्तारी न होना अब कई सवाल खड़े कर रहा है , जबकि मानले को बीते 4 वर्ष से अधिक समय हो गया है मामला वर्ष 2020 का है जहाँ अवेध शराब की एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी जिसमे 5 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया था , जिसमे भाजपा के जिला मंत्री कमलेश दातला , व एक महिला निधि राय का नाम भी इस मामले में शामिल था जिसमे से 3 आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है उनकी जमानत भी हो चुकी है और उनका प्रकरण न्यायालय में चल रहा है मगर इन दोनों की गिरफ्तारी न होना अब कई सवालो को जन्म दे रहा है क्या विपक्ष का ध्यान इस ओर क्यो नही गया आखिर उन्होंने यह मुद्दा क्यो नही उठाया यह भी एक बड़ा सवाल है…?
भाजपा नेता ओर महिला ने ली थी हाईकोर्ट की शरण
अवेध शराब पकड़े जाने वाले मामले में भाजपा नेता कमलेश दातला व महिला निधि राय में केस में से अपना नाम हटाने व खुद को पाक साफ बताने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी ताकि दोनों का नाम केस से हट जाए किन्तु वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने भी यह राहत देने से मना कर दिया और मामला फिर उलझ गया सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में लोकल कोर्ट में पेश होने की बात कही थी किन्तु दोनों ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुवे न्यायालय में पेश होना मुनासिब नही समझा , सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार करना उचित नही समझा ओर दो साल निकाल दिए इस बीच मे न जाने कितने थाना प्रभारी भी बदल गए मगर किसी ने इस ओर ध्यान नही दिया किन्तु अब दोबारा यह मामला प्रकाश में आया , बताते है कि वर्ष 2023 मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही करने की बात कही थी जिसकी वजह से इन दोनों की गिरफ्तारी नही हो सकी किंतु मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इनका केस खारिज कर दिया तो जो राहत भाजपा नेता कमलेश दातला और महिला निधि रॉय को मिली थी वह भी समाप्त हो गई , अब सवाल यह है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी राणापुर पुलिस को नही लगी या मालूम होने के बावजूद भी मामले को ठंडे बस्ते में डाले रखा, 2 साल बीत जाने के बाद दोनों की गिरफ्तारी न होना और इनका खुलेआम घूमना अब कई सवाल खड़े कर रहा है जिसकी चर्चा अब चौराहे पर हो रही हैं कि आखिर क्यों इतने समय तक इनके आगे पुलिस नतमस्तक रही ..?
अवेध शराब की खेप राणापुर लायसेंसी दुकान की थी
पुलिस रिकार्ड के अनुसार राणापुर पुलिस ने जो अवेध शराब पकड़ी थी वह राणापुर के लायसेंसी दुकान से लाई गई थी इसमें राणापुर दुकान के मैनेजर कमलेश दातला , व ठेकेदार नीधि राय व तीन अन्य कुल 5 लोगो को पुलिस ने आरोपी बनाया था जिसमे तीन को गिरफ्तार कर लिया गया था मगर भाजपा नेता , कमलेश दातला व ठेकदार निधि रॉय ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी और याचिका दायर की थी कि उनका नाम इस मामले से हटाया जाए किन्तु बाद में यह याचिका भी खारिज हो गईं ओर सुप्रीम कोर्ट ने लोकल कोर्ट मे पेश होने का फरमान दे डाला
भाजपा नेता कमलेश दातला भाजपा जिलाध्यक्ष की दौड़ में थे शामिल
कमलेश ने पार्टी में अपनी जगह जोड़ जुगाड़ के बनाई और भाजपा जिला मंत्री के पद तक पहुचे ओर वर्तमान में भाजपा जिलाध्यक्ष की दौड़ में भी कमलेश ने खूब ऐड़ी चोटी का जोर लगाया ताकि वह भाजपा जिलाध्यक्ष बन सके , मगर यहाँ भी इन्हें निराशा मिली और अब पुनः अवेध शराब मामला सुर्खियों में आ गया, आपको बता दें पिछले लोकसभा चुनाव में कमलेश थांदला सेक्टर के प्रभारी भी रहे हैं एवं अक्सर सांसद के साथ भी झांकी मंडप जमाने के लिए उनके द्वारा आयोजित आयोजनों में देखे जाते रहे हैं अब देखना है कि विपक्ष इस मामले में लेकर कितनी आवाज उठाता है साथी सत्ताधारी दल के भाजपा जिला अध्यक्ष भानु भूरिया एवं राणापुर पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है।