झाबुआ

चुनाव के मैदान में नहीं महंगाई डायन का मुद्दा….

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन

चुनाव के मैदान में नहीं महंगाई डायन का मुद्दा-मध्यवर्गीय परिवारों में मुश्किल से गल रही दाल

गायब है महंगाई का मुद्दा ………………..


झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। कुछ साल पहले लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, महंगाई डायन खात जात है,गाने की धुन काफी बजाई थी। एक फिल्म के इस गीत के मुखडा़ ने चुनाव परिणाम पर कुछ हद तक असर डाला था। महंगाई इस समय भी है, हालांकि जितनी जीडीपी के अनुसार बाजार में महंगाई बढ़ी हैं, उतनी ही आमजन की आय में भी वृद्धि हई है, लेकिन परेशानी मध्यम वर्ग को हो रही है। सब्जी-रोटी तो घर में बन रही है,लेकिन दालों के बढ़ते दाम ने घरों में गलना ही बंद कर दिया है। संसदीय सीट पर राष्ट्रीय मुद्दे तो जोर से उछाले जा रहे है, लेकिन मध्यमवर्गीय परिवार के लिए जरूरी महंगाई की बात फिलहाल करता कोई नजर नहीं आ रहा है।

गायब है महंगाई का मुद्दा ………………..
लगातार बढ़ रही महंगाई ने मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट बिगाड़ रखा है। बीते पांच वर्षों में तुअर दाल, हल्दी के दाम दोगुने हो गए है। चावल,धनिया, मिर्ची,आटा भी महंगा हुआ है। जिसके चलते मध्यमवर्गीय परिवारों में दाल-रोटी का खर्च भी सब्जी-रोटी से महंगा हो गया है। इसके बावजूद भी चुनावी समर में महंगाई का मुद्दा गायब है। न तो मतदाता खुलकर कुछ कह रहे और न ही नेता अपने दावे-वादों में बढ़ती महंगाई पर कुछ बोल रहे है।

तेल सस्ता,दाल महंगी……………….
पिछले पांच साल में महंगाई पर नजर डाले तो सिर्फ  रिफाइंड तेल के दाम 40 रुपए प्रति किलो कम हुए है। धनिया के दाम स्थिर है। तुअर दाल के दामों में सबसे ज्यादा उछाल आया है। 70-80 रुपए प्रति किलो बिकने वाली तुअर दाल 200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। हालांकि इसके बाद भी बाजार में इसकी मांग व जलवा बरकरार है।

भाव प्रति किलो में आया इस तरह अंतर……………….

सामग्री का नाम         वर्ष 2019            वर्ष 2024

तुअर दाल                    85-90              180-200

मूंग दाल                     80-90               115-120

चना दाल                   60-65                90-100

चावल सामान्य            45-50                55-60

चावल बासमती           80-90               100-105

हल्दी खड़ी               110-120              200-220

मिर्ची खड़ी               140-150              250-280

आटा                      22-24                40-45 प्रति किलो

तेल                      140-150               105-110

खर्चे चलाना मुश्किल हो रहा …………….
जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ रही है,उसे देखकर लगता है कि आगे चलकर घर-गृहस्थी का खर्च चलाना और कठिन हो जाएगा। मध्यमवर्गीय परिवार के लिए निजी सेक्टर से मिलने वाली सैलरी में घर का राशन,बच्चों को पढ़ाने की फीस और अन्य खर्चे चलाना मुश्किल हो रहा है। चुनाव में मंहगाई कम करने की बात कहता कोई नजर नहीं आ रहा।
………….नरेश डोसी-अभिभाषक,झाबुआ

रसोई के राशन का बजट दोगुना……….
रसोई में सबसे ज्यादा बनने वाली तुअर दाल ने तो सारे रिकार्ड तोड़ दिए है। 70-80 रुपए प्रति किलो बिकने वाली तुअर दाल 200 पार हो गई है। जिसके चलते मध्यमवर्गीय रसोई के राशन का बजट दोगुना हो गया। महिलाएं ही जानती है कि खर्चों में कटौती कर कैसे परिवार व बच्चों का खर्च चलाया जा रहा है।
……………….नीता जैन- गृहणी,मेघनगर

 फोटो०१-:नरेश डोसी- अभिभाषक, झाबुआ
 फोटो०२-:नीता जैन- गृहणी,मेघनगर

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SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

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