झाबुआ

प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होते ही 15 दिन में हो जाएगा नामांतरण,

साइबर तहसील व्यवस्था कल से लागू, ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने से लोगों का समय और खर्च भी बचेगा…………

प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होते ही 15 दिन में हो जाएगा नामांतरण, नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील के चक्कर-संपदा 2.0 पर होगी रजिस्ट्री……………….

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। दो साल पहले प्रदेश के सीहोर और दतिया में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुई साइबर तहसील व्यवस्था के अच्छे परिणाम सामने आने के बाद अब सभी जिलों में इसे लागू किया गया है। साइबर तहसील बनने से अविवादित नामांतरण के प्रकरण का तेजी के साथ निराकरण होगा। इसमें क्रेता और विक्रेता को नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऑनलाइन उपस्थित होकर मामले सुलझाए जा सकेंगे। 2 फरवरी से नई व्यवस्था को प्रदेश भर में लांच किया गया है।

साइबर तहसील में 10 चरणों से होकर गुजरेगा नामांतरण का आवेदन……..
जिले में रजिस्ट्री के लिए संपदा 2.0 लागू हो चुका है। इससे लोगों को कई फायदे मिलेंगे। अब भवन अथवा भूखंड की रजिस्ट्री कराते समय ही रेवेन्यू केस मानीटरिंग सिस्टम-आरसीएमएस के जरिए भवन अथवा भूखंड स्वामी का नामांतरण फार्म भी भर दिया जाएगा। इसके बाद यह नामांतरण फार्म सीधे साइबर तहसील कार्यालय में चला जाएगा। वहां से संबंधित व्यक्ति को बिना अलग से आवेदन किए ही 15 दिनों में नामांतरण पत्र मिल जाएगा। रजिस्ट्री होते ही स्वत ही नामांतरण का आवेदन ऑनलाइन ही साइबर तहसील के लिए बने पोर्टल पर पहुंच जाएंगा। यहां पर पटवारी और तहसीलदार अपनी ऑनलाइन रिपोर्ट देंगे। अगर कोई विवादित मामला न हुआ और कोई आपत्ति नहीं आई तो क्रेता का नाम भूस्वामी के रूप में खसरे के कॉलम नंबर तीन पर दर्ज हो जाएगा।

प्रापर्टी जीआईएस सिस्टम से चिह्नित…
संपदा-2.0 वर्जन को लागू करने से पहले विभाग ने शहर, ग्रामीण इलाके की लोकेशन जीआईएस सिस्टम से चिह्नित कर ली थी। उसी को आधार मानकर नई रजिस्ट्री की जा रही हैं। पक्षकार मकान,भूखंड की रजिस्ट्री करवानी है। उसके 60 फीसदी या ज्यादा निर्माण हो चुका है तो निर्माण की जानकारी नहीं छिपा सकेंगे।

इनकी रहेगी भूमिका…………………
साइबर तहसील के तहत प्रकरण निपटारे में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, क्षेत्रीय तहसीलदार, पटवारी और रीडर-प्रवाचक की प्रमुख भूमिका रहेगी। साइबर तहसील के लिए बने पोर्टल पर यह चारों जिम्मेदार अपनी रिपोर्ट और पत्र पेश करेंगे।

दर्ज होगा रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण का प्रकरण ……………….
रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण का प्रकरण दर्ज होगा। इसकी सूचना आवेदक को दी जाएगी। स्वचालित प्रणाली से प्रकरण साइबर तहसील के लिए अग्रेषित होगा। साइबर तहसीलदार इसे रेंडम प्रणाली से नियत करेंगे। इसके बाद इश्तेहार जारी होगा। फिर पटवारी ऑनलाइन ही प्रतिवेदन देंगे। इसी बीच ऑनलाइन दावे-आपत्ति भी दर्ज किए जा सकेंगे। अगर कोई दावा-आपत्ति नहीं है तो क्षेत्रीय तहसीलदार के पास प्रकरण स्वत पहुंच जाएगा। पटवारी सकारात्मक प्रतिवेदन देंगे। इसके बाद साइबर तहसीलदार द्वारा आदेश पारित किया जाएगा, जो भू-अभिलेख में दर्ज होगा। अगले चरण में आदेश प्रति खसरा प्रदान किया जाएगा। जिसमें कॉलम नंबर 3 में भूस्वामी का नाम दर्ज हो जाएगा।

दी जा रही हैं लोगों का सुविधाएं ………………………
2 फरवरी से नई व्यवस्था को प्रदेश भर में लांच किया गया है। जिले के सभी राजस्व कार्यालय साइबर तहसील व्यवस्था के लिए अपडेट हैं। नई व्यवस्था के तहत लोगों का सुविधाएं दी जा रही हैं।
…..हरिशंकर विश्वकर्मा,अनुविभागीय अधिकारी-झाबुआ

फोटो ०१-:हरिशंकर विश्वकर्मा,अनुविभागीय अधिकारी-झाबुआ
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SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

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