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राजनैतिक हलचल भाजपा और कांग्रेस व जयेश में लोकसभा चुनाव को लेकर संसदीय क्षैत्र मे राजनैतिक सरगर्मियॉ तेज हुई
झाबुआ. SMSNEWS.live=========================
रतलाम झाबुआ अलिराजपुर संसदीय सीट पर आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनैतिक सरगर्मिया तेज हो गई है। प्रमुख रुप से भाजपा ओर कांग्रेस संगठनात्मक स्तर पर अपनी गतिविधियॉ बढाती हुई नजर आ रही है। इस दिशा मे झाबुआ थांदला एवं पेटलावद विधानसभा क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले कुल मतदान केन्द्र 981 के लिये जहॉ कांग्रेस ने कुछ एक मतदान केन्द्रो को छोडकर जिला निर्वाचन अधिकारी को अपने बी एल ओ ए की नियुक्ति कर सूची सौप दी है। परंतु इस दिशा मे समाचार लिखे जाने तक जिला भाजपा बी एल ओ ए की सूची अभी तक जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत नही कर पाया है जबकि 25 फरवरी मतदाता के नाम जोडने घटाने की अंतिम तिथि थी ओर मतदाता सूची का प्रकाशन होना था जो हो चुका है ऐसा निर्वाचन कार्यालय के सुत्र बताते है।
कांग्रेस भाजपा से कौन-कौन है दावेंदार
जहां तक हम संसदीय क्षैत्र के प्रत्याशीयो की बात करे तो कांग्रेस जेसे राजनैतिक दल मे स्थिति बढी स्पष्ट नजर आ रही है कांग्रेस के छत्रप ओर वर्तमान सांसद कांतीलाल भुरिया ही कांग्रेस के अगले प्रत्याशी बनकर सामने आ रहे है। परंतु यहा एक तथ्य संज्ञान मे लाना जरुरी है कि झाबुआ विधानसभा क्षैत्र की तर्ज पर कांग्रेस का ही कोई भी बागी उम्मीदवार कांतीलाल भुरिया को रतलाम झाबुआ अलिराजपुर संसदीय सीट पर चुनौती देते हुए नजर आयेगा। बताया जाता है कि इस दिशा मे कांग्रेस के पूर्व विधायक जेवियर मैडा जिनके कारण झाबुआ विधानसभा मे कांतीलाल भुरिया के डॉ0 पुत्र विक्रांत भुरिया पराजित हो गये उसी फार्मुले को मेडा ओर उसकी समर्थक टोली लोकसभा मे भी अजमाने की दिशा मे सक्रिय रुप से अपने कार्यक्रमो ओर आयोजनो को अंजाम देती हुई नजर आ रही है मेडा समर्थक टोली मे से उनके युवा नेता मिथियास भुरिया का कहना है कि विधानसभा मे हमने पप्पु को हराया है ओर अब पापा को हराकर इन्हे मोरडुंडिया पहुचा देगे अब इस बात मे कितना दम है ये तो लोकसभा के आंचार संहिता के घोषणा के बाद ही स्पष्ट होगा कि कांग्रेस का कोई बागी उम्मीदवार सामने आ रहा है या नही आ रहा है। जहा तक हम भाजपा की बात करे तो जो भोपाली सुत्रो से छनकर जो खबर आ रही है ओर जो प्रदेश व केन्द्र की टोली ने मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा क्षैत्र की जो रणनीति बनाई है उसमे कहा जा रहा है कि न तो भाजपा की ओर से जीते विधायको ओर ना ही हारे हुए विधायको को लोकसभा प्रतयाशी बनाया जायेगा। इस फार्मुले के तहत् जिन राजनैतिक हलचल भाजपा और कांग्रेस व जयेश में लोकसभा चुनाव को लेकर संसदीय क्षैत्र मे राजनैतिक सरगर्मियॉ तेज हुई जहा तक हम भाजपा की बात करे संसदीय क्षैत्र के प्रतयाशी के रुप मे प्रबल दावेदार के रुप मे सीसीबी बैंक के चेयरमेन गोरसिंह वसुनिया दमदारी से अपना दांव प्रस्तुत करते आ रहे है। केन्द्रीय टोली एवं प्रदेश की टोली की रणनीति के तहत उस फार्मुले मे वसुनिया फीट भी होते हुए नजर आ रहे है। जबकि भाजपा के जो अन्य दावेदार है सुश्री निर्मला भुरिया, नागरसिंह चौहान, गुमानसिंह डामोर, संगीता चारेल, श्रीमती सोलंकी, भी लोकसभा मे अपना दांव प्रस्तुत करने की जुगत मे लगे हुए है परंतु केन्द्रीय एवं प्रादेशिक टोली के निर्धारित फार्मुले का कडाई से पालन हो जाता है तो ये सब नाम दावेदारी से बाहर हो जायेगे।
रतलाम संसदीय क्षैत्र मे जातीय समीकरण
रतलाम झाबुआ अलिराजपुर संसदीय क्षैत्र के अंतर्गत रतलाम जिले की तीन विधानसभा रतलाम शहर, रतलाम ग्रामीण, सैलाना झाबुआ जिले की तीन विधानसभा झाबुआ, थांदला, पेटलावद अलिराजपुर जिले की दो विधानसभा अलिराजपुर, जोबट यदि हम इनका जातिगत मतदाताओ के अनुसार इनकी समीक्षा करे तो कुछ इस प्रकार स्थिति सामने आ रही है। रतलाम जिले की दो विधानसभा क्षैत्र रतलाम गा्रमीण ओर सेलाना झाबुआ जिले की तीन विधानसभा झाबुंआ थांदला पेटलावद ये सम्पूर्ण रुप से भील बाहुल्य मतदाताओ से भरी पडी है। तो वही अलिराजपुर जिले की दो विधानसभाओ की हम समीक्षा करे तो जोबट विधानसभा ओर अलिराजपुर विधानसभा मे 50-50 प्रतिशत भील भीलाला मतदाताओ का उपस्थित होना पाया जा रहा है। वैसे सामान्यतः इन दोनो सीटो को भिलाला बाहुल्य माना जाता है परंतु इस मिथ्या को हाल ही मे हुए विधानसभा मे जोबट विधानसभा के मतदाताओ ने झुठला दिया है। जोबट विधानसभा मे भाजपा की ओर माधोसिंह डावर जो भिलाला समुदाय का प्रतिनिधित्व करते है ओर कांग्रेस की ओर से विधानसभा मे चुनाव लडी सुश्री कलावती भुरिया भील समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है ने माधो दादा को पराजित कर उक्त सीट पर भील बाहुल्य होने का मार्का लगा दिया है। कुल मिलाकर आठो विधानसभा मे 85 प्रतिशत आदिवासी मतदाता है जिसमे भील, भीलाला, ओर पटलिया समाज के मतदाता आते है। अन्य 15 प्रतिशत मे सामान्य, पिछडा, ईसाई, मुसलमान, सिख, अन्य समाज आ जाता है।
अन्य राजनैतिक दलो का कोई वजूद नही
ससंदीय क्षैत्र मे हम राजनैतिक दलो के हिसाब से तुलना ओर समीक्षा करे तो यहा पर प्रमुख रुप से भाजपा ओर कांग्रेस मे सीधी टक्कर होती आई है। वर्तमान राजनैतिक स्थिति का दलवार समीक्षा करे तो अब इस संसदीय क्षैत्र मे समाजवादी बहुजन समाज पार्टी आप पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी एवं अन्य दलो का कोई वर्चस्व ओर प्रभाव नही दिखाई देता है। बतौर प्रमुख टक्कर दो ही दलो मे होती है। भाजपा ओर कांग्रेस
ससंदीय क्षैत्र मे कौनसे होगे मुददे
आगामी 2019 मे होने वाले लोकसभा चुनाव मे यदि हम मुददो की बात करे तो राष्ट्रीय मुददो के बतौर केन्द्र मे भाजपा शासित के प्रधानमंत्री द्वारा चलायी जा रही जन कल्याणकारी विकास मूलक कार्यक्रमो प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, सौभाग्य योजना, आयुष्यमान योजना, किसानो को 6000 रु0 प्रतिसाल उनके खाते मे अनुदान पहुचाने की योजना से लगाकर सर्जिकल स्ट्राइक एवं नोटबंदी जी एस टी एवं अंतर्राष्टीय पटल पर भारत की बढती हुई साख ओर केन्द्र सरकार द्वारा अपनाई गई अपनी सफल विदेश नीति कुटनीति एवं सुरक्षा नीति प्रमुख रुप से मुददे होगे। इन सब मुददो को लेकर भाजपा संसदीय क्षैत्र के मतदाताओ को अपनी ओर रिझाने का प्रयास करेगी। तो राष्ट्रीय मुददो के तहत कांग्रेस अपनी ओर से रॉफेल सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता ओर असफलता आंतकवाद नोटबंदी ओर जी एस टी ओर भ्रष्टाचार के मुददो को उठाकर केन्द्र की भाजपा सरकार को घेरने का प्रयास करेगे। तो इस लोकसभा चुनाव मे दोनो दलो की ओर से राष्ट्रीय मुददो के साथ साथ प्रदेशिक मुददो के बतौर प्रदेश मे स्थापित कांग्रेस की सरकार की असफलताओ किसानो को ऋण माफी के नाम पर छलना तबादला उद्योग ओर प्रशासनिक ईकाई का कांग्रेसीकरण ऐसे अनेक मुददो को उठाकर भाजपा प्रदेश सरकार को घेरकर कांग्रेस जैसे दल को घेरने का कार्य करेगी।
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और अंत मे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदीजी 5 मार्च 2019 की आदिवासी बाहुल्य लोकसभा सीट धार मे मिशन 2019 के चुनाव का शंखनाद वहा पर पहुचकर करना ओर उस महारैली मे रतलाम धार बडवानी खरगोन इंदौर क्षैत्र से उमडी आदिवासी मतदाताओ की भीड एवं अन्य जनता ने अधिक से अधिक संख्या मे पहुचकर एक नया संदेश रतलाम धार खरगोन आदिवासी सीटो के लिये दे दिया है=========================
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