अब राणापुर भी उड़ता पंजाब की ओर अग्रसर-नशे का कारोबार सरकारी नुमाइंदों की नजराने से तो होती नहीं,नजरें इनायत या किसी राजनीतिक संरक्षण से…..
@मुकेश परमार (भीलीभाषा)
राणापुर शहर में मंदिर,स्कूल तक तो ठीक लेकिन थाने के आसपास ही है,दसों अवैध शराब के अड्डे और शहर में बिकती स्मैक,सफेद नशे का पाउडर -नवागत थाना प्रभारी रावत से राणापुर को है बहुत उम्मीद…..
राणापुर/झाबुआ। । राणापुर में नए थाना प्रभारी के रूप में दिनेश रावत की पदस्थापन अभी हाल ही में हुई है। उनके आते से ही पहला प्रहार शहर में सट्टा पर्ची कमीशन पर लिखने वालों पर हो चुका है। उनकी इस इंट्री को धमाकेदार सिंघम एंट्री के रूप में नगरवासी मान रहे है। मायूस शहर के लोगो को पुन: स्मैक,सफेद नशे का पाउडर ,जुआ-सट्टे ओर अवैध शराब परिवहन करने वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी,इसकी अब तीव्र आस जग चुकी है। उल्लेखनीय है कि नवागत थाना प्रभारी की सिंघम एंट्री के बाद अब अवैध शराब और स्मैक बेचने वालों में हड़कंप भी मच गया है। वही कुछ सरंक्षण प्राप्त धंधेबाज अपने-अपने गली.-मोहल्ले में सीना ठोककर हंसते हुए दिखाई भी दे रहे है,क्योंकि वे समझ रहे है कि कोई भी आ जाय उनका कोई भी बाल तक बाका नही कर सकता है। इसलिए शायद वे पुलिस कार्यवाही से बच जाने के बाद,उन्हें मुंह चिढ़ाते भी नजर आ रहे है….!
उड़ते पंजाब की तर्ज पर नगर हो रहा अग्रसर……………….
राणापुर में चोरी छिपे स्मैक,सफेद नशे का पाउडर बेचने वाले ने अपने पैर पूरी तरह पसारते हुए,सिर्फ नगर में ही नहीं बल्कि आदिवासी क्षेत्र के कई युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। बता दे कि इस नशे के कारोबार के चलते कई युवा ओर उनके घर बर्बाद हो चुके है या यह भी कह सकते है कि उड़ता पंजाब की तर्ज पर नगर काफी हद तक बढ़ भी चुका है। युवा नशे की चपेट में आकर अपना वर्तमान और भविष्य बर्बाद कर रहा है। गौरतलब है कि ऐसी स्थिति आंदोलन और ज्ञापन देने के बाद भी है। इस नशे के खिलाफ किसी ने कोई भी कड़ी कार्यवाही करना उचित ही नहीं समझा है, जिसके चलते चोरी छिपे अवैध स्मैक बेचने वालों का हौसला उनके रसूख के चलते बुलंद होते ही चला जा रहा है। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार यह स्मैक सबसे पहले राजस्थान से जावरा,फिर रतलाम और अंत मे झाबुआ से होती हुए सीधे शहर में चोरी छिपे बड़ी आसानी से लाया जाता है।
ठेकेदार के लोगो को खूब दौड़ाया…………
कहा जाता है कि शहर के कालिका माता मंदिर,मातासुला रोड के बजरंग बली मंदिर और छायन रोड पर अवैध शराब कई अड्डे है। सूत्रों की माने तो कुछ अवैध शराब बेचने वाले के हौसले इतने बुलंद इसलिए हो गए है,क्योंकि विगत दिनों अवैध शराब की गाड़ी में बैठे गुर्गों ने ,दबीश दे रहे ठेकेदार के वाहन पर हमला कर वाहन के कांच फोड़ दिए थे और ठेकेदार के लोगो को खूब दौड़ाया भी था। इसकी सूचना स्थानीय थाने पर ठेकेदार ने दी या मामला रफा-दफा कर लिया गया। खैर यह ठेकेदार का निजी मामला है,लेकिन अवैध शराब बेचना आबकारी नियमों का खुला उल्लंघन करना संगीन अपराध की श्रेणी में आता तो है।
राणापुर शहर में मंदिर,स्कूल तक तो ठीक लेकिन थाने के आसपास भी धंधेबाज सक्रिय………
सूत्र बताते है कि हरानापुर थाना,शहर के बाहर कुंदनपुर रोड ओर वर्तमान में पुरानी प्राथमिक स्कूल और पुराना अस्पताल चौराहा जहां कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल है,उसके आस-पास भी शराब बड़ी आसानी से बिकती दिखाई देती। आपको बता दे कि थाने से कुछ ही दूरी पर कुंदनपुर रोड के,साथ-साथ अस्पताल रोड पर लगभग 7 से 8 अवैध शराब के अड्डे बेख़ौफ़ संचालित हो रहे है।
सिर्फ कागजी खाना पूर्ति करने हेतु प्रकरण बनाए जाते है……………..
राणापुर से गुजरात राज्य की सीमा तकरीबन 20 किलोमीटर के दायरे में है। जिसके चलते कंजावानी,कुंदनपुर रोड और छायन रोड आदि गुजरात राज्य में अवैध शराब के परिवहन के आवागमन के प्रमुख और उपयोगी मार्ग है। रानापुर में अन्य जिलो से अवैध शराब सस्ती दर पर उपलब्ध हो जाती है। यह शराब सिंडिकेट माफियाओं के सरगना से बड़ी आसानी से प्राप्त कर नगर में लाई जाती है, जिसके उदाहरण रानापुर थाने में दर्ज अवैध शराब के प्रकरणों से पता चल ही सकता है।
क्या मुख्यमंत्री की खुली छूट का फायदा उठा पाएगा प्रशासन…..?
गौरतलब है कि समूचे रानापुर शहर की बात करे तो यह बात कहने में कोई अतिश्योक्ति भी नही होगी कि शहर के चारों ओर अवैध शराब के लगभग सौ से भी अधिक अड्डे बेख़ौफ़ चल रहे है ,लेकिन इन पर लगाम कसने और कड़ी कार्यवाही करने की कभी स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग ने हिम्मत नहीं दिखाई है। सूत्रों की माने तो अवैध शराब वालो के रसूख या राजनीति सरंक्षण के चलते इनको कोई बाधा ही नही आती है और वे अपना धंधा बड़े ही आसानी से बेख़ौफ़ कर रहे है। देखा जाय तो अवैध कार्य तो अवैध ही रहता है। अब आगे देखना नवागत थाना प्रभारी सिंघम की तर्ज पर इन अवैध धंधेबाजों पर लगाम कस पाते है या नही…? अब तो सिर्फ ईमानदार दृढ़ इक्षाशक्ति की ही दरकार है,क्योंकि मंत्री विजयवर्गीय के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी साफ कहा है कि नशे के कारोबार में शामिल लोग बख्शे नहीं जाएंगे,इस कारोबार से जुड़े लोगों पर कार्रवाई के लिए पुलिस और प्रशासन को पूरी खुली छूट दी गई है। अब आगे इस खुली छूट का इस्तेमाल संबंधित विभाग किस तरह से उठाते है,जल्द ही पता चल जाएगा। खुली छूट का यदि फायदा नहीं भी उठाते है,तो फिर हमें आगे लिखने का एक और मौका मिलेगा क्योंकि हम पत्रकार तो सिर्फ प्रशासन के आईने ही होते है,कार्यवाही करना न करना तो उनके विवेक पर ही निर्भर करता है।
नशे के कारोबार का अड्डा बन रहा मध्य प्रदेश,बर्बाद हो रहा युवाओं का भविष्य-कमलनाथ………….
कमलनाथ ने कहा कि सरकार के नशा के मुक्ति के सभी दावे और नशा माफियाओं के खिलाफ चलाये गये सभी अभियान की हक़ीक़त इसी से पता चलती है कि नशा कारोबारी अब पुलिस थानों के क़रीब भी नशीले पदार्थ बेचने में नहीं डरते हैं। क्या सरकार नशे के कारोबार की सिफ़र् मूक दर्शक बनी रहेगी या कभी को ठोस कार्रवाई भी करेगी….?
अभियान चलाया जा रहा है।……………..
अवैध तरीके से नशे का कारोबार करने वालो के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। जिले के समस्त थाना प्रभारियों एवम सभी चौकी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में चल रहे अवैध नशे के कारोबार को बंद करने और उन्हें पकड़ने के सपस्ट निर्देश दिए गए है। आपके द्वारा इसके बारे में मूझे संज्ञान में आया है। जल्द ही इस पर संगठित विभागों की टीम का गठन कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
….पद्म विलोचन शुक्ल-पुलिस अधीक्षक,झाबुआ
विस्तृत स्थिति का अवलोकन…………….
हाल ही मेरी पोस्टिंग हुई है। मुझे कुछ और लोगो ने भी इस बारे में उनकी पीड़ा से अवगत कराया है। मैं नगर की स्थिति का विस्तृत अवलोकन कर रहा हु,फिर मेरे वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर मार्गदर्शन लूंगा। आगे सही रणनीति बनाकर कड़ी कार्यवाही अवश्य करूंगा।
………दिनेश रावत-थाना प्रभारी,राणापुर