अनदेखी-कृषि की जानकारी से अनभिज्ञ लोग लगा रहे किसानों को चूना-


अनदेखी -कृषि की जानकारी से अनभिज्ञ लोग लगा रहे किसानों को चूना-लाइसेंस किसी का दुकानें कोई दूसरे चला रहे……………
शहर व गांव में चल रहा अवैध व्यवसाय……………….
झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। जिले के तहसील मुख्यालय सहित जिला मुख्यालय पर भी किसान दुकानों में फसलों के लिए कीटनाशक,बीज व खाद बेच रहे हैं विभाग के अधिकारियों की तरह यदि जांच की जाए तो ऐसी अनेक दुकानें मिल जाएंगी जिनमें बिना अनुमति के अमानक स्तर का बीज,खाद व कीटनाशक बेचते हुए लोग मिल जाएंगे।

बिक्री के लिए लाइसेंस जरूरी………………
खाद,बीज व कीटनाशक विक्रय के लिए बेचने वाले को कृषि विभाग से लाइसेंस लेना पड़ता है। चूंकि लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी होने में लगभग एक से दो माह का समय लग जाता है। इस कारण गांवों में भी इन सामग्रियों को बेचने वाले लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं और बोर्ड पर सिर्फ दुकान का नाम लिख कर खाद बीज,कीटनाशक बेचने लगते हैं।

न लाइसेंस न ही योग्यता………………..
शासन के नियम के अनुसार खाद,बीज व कीटनाशक दवाइयां बेचने के लिए जहां लाइसेंस जरूरी है। वहीं विक्रेता को शिक्षित विशेषकर बीएससी,कृषि विषय में स्नातक या डिप्लोमा होना चाहिए। लेकिन इन सामग्रियों को बेचने वालो में कुछ ऐसे लोग हैं जिनके पास लाइसेंस व आवश्यक योग्यताए शिक्षा है। बाकी शेष अन्य अशिक्षित हैं और बावजूद इसके उनके द्वारा यह कारोबार धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है।

जांच कराई जाएगी…………….
बिना लाइसेंस के चलने वाली ऐसी दुकानों की जांच कराई जाएगी। इनकी सैंपलिंग भी की जा रही है कुछ दिनों पूर्व ही मैंने निरीक्षण किया था।
………………नगीन रावत-डीडीए,कृषि विभाग-झाबुआ
फोटो०१-:नगीन रावत-डीडीए,कृषि विभाग-झाबुआ
००००००००००००००००००००००००००
नशे की लत छीन रही बचपन,अच्छी जिंदगी के सपनों पर लग रहा ग्रहण……………..
नशे की लत में अपराध करने पर भी उतारू……………….

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। अपराध करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आये दिन हो रही चोरी, लूट की घटनाओं में मुख्य रूप से युवा ही शामिल हो रहे हैं। अपराध करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। यही नहीं रेलवे स्टेशन के आसपास घूमने वाले बच्चे चलती ट्रेन में भी वारदात करने से नहीं चूकते। नशे की लत इन पर हावी हो जाती है तो वह इसकी पूर्ति के लिए किसी की जान लेने से भी परहेज नहीं करते।

गांव में गांजा तो शहर में गुटखा-पाउच…
पाउच खाने वाले सबसे अधिक मुंह की बीमारियों से परेशान हैं। बड़े तो इसके शौकीन हैं ही बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। जर्दा पाउच की लत से महिलाएं व युवतियां भी ग्रसित हो रही हैं। वहीं गांव में गांजा पीने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है,जबकि इस पर रोकथाम के लिए प्रशासन सुस्त है। एक और कारण यह सामग्री उन्हें आसानी से उपलब्ध होना भी है।

नाबालिग बच्चे यदि नशे की गिरफ्त में आ रहे ………………..
तंबाकू के सेवन से मुंह,गले के कैंसर के अलावा फेफड़े पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसके चलते मुंह में हमेशा छाले बने रहते हैं। नशीली दवाओं के सेवन से शरीर के स्वास्थ्य के साथ दिमागी बीमारियां भी होती हैं। खास तौर पर नाबालिग बच्चे यदि नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं, तो उन्हें यह और भी ज्यादा घातक साबित हो सकता है।
…….डॉ.एम् किराड़ -जिला अस्पताल, झाबुआ
फोटो 04-डॉ.एम् किराड़ -जिला अस्पताल,झाबुआ
फोटो 05/06
०००००००००००००००००००००००००