बोर्ड परीक्षाएं 5 से -30 फीसदी केंद्रों पर उधारी के फर्नीचर पर बैठकर विद्यार्थी देंगे परीक्षा………………….


बोर्ड परीक्षाएं 5 से -30 फीसदी केंद्रों पर उधारी के फर्नीचर पर बैठकर विद्यार्थी देंगे परीक्षा…………………..
परीक्षा में 20 हजार से ज्यादा विद्यार्थी होंगे शामिल………………….
झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। बोर्ड परीक्षाएं 5 फरवरी से होंगी। लेकिन 30 फीसदी केंद्रों पर फर्नीचर की व्यवस्था नहीं होने से शिक्षा विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। डीईओ ने स्कूल प्राचार्यों से कहा है कि जिन केंद्रों पर संसाधन नहीं है, उसके अभी से इंतजाम करें और पूरी तैयारी रखें। इस बार कोशिश की जा रही है कि कोई भी विद्यार्थी जमीन पर बैठकर परीक्षा न दें। इसलिए जिन स्कूलों में फर्नीचर नहीं है,वहां प्राइवेट स्कूलों से उधार लेना होगा। परीक्षा समाप्त होने के बाद लौटना होगा, लेकिन इस फर्नीचर को ढोने के लिए बजट को लेकर समस्या आती है। पिछली बार ब्लॉकों को भुगतान न होने से माशिमं तक शिकायत पहुंची थी। हालांकि डीईओ आर एस बामनिया का कहना है कि स्कूल की स्थानीय मद से पैसा खर्च किया जा सकता है।


जिले भर में 53 केंद्र बनाए…………………..
बोर्ड परीक्षा के लिए जिले भर में 53 केंद्र बनाए हैं। कक्षा 10वीं के 12322 और कक्षा 12वीं के 8236 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। इस तरह कुल मिलाकर 20588 विद्यार्थी शामिल होंगे। परीक्षाएं 5 फरवरी से शुरू होंगी। इसे लेकर व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।
सिर्फ शहर के स्कूलों में पर्याप्त व्यवस्था……….
शहर में जो परीक्षा केंद्र बनाए हैं,उसी में पर्याप्त व्यवस्थाएं मौजूद हैं। जबकि कुछ मुख्यालयो को छोड़कर अधिकतर ग्रामीण अंचल के केंद्रों में व्यवस्था नहीं है। 53 केंद्रों में से एक दर्जन से अधिक केंद्रों पर फर्नीचर पर्याप्त नहीं है। इसी तरह देखे तो किसी केंद्र में 10 फीसदी तो किसी में 50 फीसदी फर्नीचर बुलाना पड़ेगा।
संसाधनों की कमी इसलिए पहले से तैयारी………
डीईओ ने सभी प्राचार्यों से कहा कि बिजली,पानी और शौचालय आदि के इंतजाम पर पूरा ध्यान स्कूल प्रमुख देंगे। जिन स्कूलों में बिजली की समस्या है,उसे अभी से दूर करें। पानी का पर्याप्त इंतजाम करें और अगर शौचालय बंद है तो ठीक कराएं।
हर साल भेजा जाता है फर्नीचर की ढुलाई का बजट………………….
फर्नीचर की ढुलाई का बजट माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कलेक्ट्रेट की नाजिर शाखा में हर साल भेजा जाता है। करीब एक लाख रुपए की राशि आती है। जिन स्कूलों द्वारा फर्नीचर की ढुलाई कराई जाती है,उसका भुगतान इस बजट से किया जा सकता है। लेकिन पिछले साल भुगतान करने से इंकार कर दिया था। इसलिए स्कूलों को परीक्षा मद से भाड़ा देना पड़ा था।
कुछ केंद्रों पर फर्नीचर को लेकर समस्या ……………………..
कुछ केंद्रों पर फर्नीचर को लेकर समस्या आ रही है। बोर्ड ने टेबल-कुर्सी पर ही परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। इसलिए हमने प्राचार्यों से कहा है कि प्राइवेट स्कूलों से फर्नीचर की व्यवस्था कराएं,परीक्षा के बाद उन्हें लौटा दें। इसके अलावा अन्य संसाधन जैसे बिजली, पानी और शौचालय आदि पर भी ध्यान देने के लिए कहा है। बोर्ड ने परीक्षा के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की है,उसका पूरा पालन किया जाएगा।
……………………………आरएस बामनिया-डीईओ,झाबुआ।
फोटो०१-:आरएस बामनिया-डीईओ,झाबुआ।
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