पुलिस को नहीं रहती इसकी जानकारी…..
शहर में बाहर से आकर बड़ी संख्या में रह रहे लोग, पुलिस को नहीं रहती इसकी जानकारी………………
मकान मालिक किराएदारों की नहीं देते थाने में जानकारी, घटनाओं के बाद पकड़ पाते नहीं आरोपी………………
झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। शहर में बाहर से कई लोग आकर फेरी लगाकर सामान बेचतें है लेकिन इसकी जानकारी पुलिस के पास नहीं है। वहीं मकान मालिक भी किराएदार की जानकारी देने में कोई दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मकान मालिक के लिए अच्छा किराया मिल जाए इसके बाद उन्हें किराएदार क्या कर रहा है…? इससे कोई लेना-देना नहीं है। शहर में कोई संदिग्ध भी यदि रह रहा हो तो इसकी जानकारी पुलिस के पास नहीं रहती है।
जानकारी पुलिस के पास नहीं …………..
दरअसल न तो पुलिस मकान मालिकों को जानकारी न देने पर कार्रवाई कर रही है न ही मकान मालिक इसमें अपना योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा शहर में बड़ी संख्या में लोग आकर फेरी लगाकर सामान बेचते हैं। इनमें से कई लोग चोरी जैसी घटना को अंजाम देते हैं। जबकि इन्हें शहर में आने पर इसकी जानकारी पुलिस थाने में देनी पड़ती है। शहर में बाहरी लोग आकर रह रहे हैं,जानकारी पुलिस के पास नहीं है। यदि कोई घटना होती है, तो आरोपियों पर पुलिस को कार्रवाई करने में भी परेशानी होती है।
बिना आईडी प्रूफ के न दें मकान……….
यदि कोई व्यक्ति आपके पास मकान किराए से लेने के लिए आता है, तो सबसे पहले उस व्यक्ति का आईडी प्रूफ व एक फोटो तुरंत ही ले लें, ताकि उसकी जानकारी पुलिस थाने में दी जा सके। ऐसा करने के बाद यदि कोई व्यक्ति गलत नियत से रहना चाहता है,तो वह मकान किराए से नहीं लेगा। इससे कई बार हम बड़ी घटना होने से पहले ही रोक सकते हैं।
नाम बदलकर भी रह सकते हैं लोग….
आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोग शहर में नाम बदलकर भी रह सकते हैं,जो किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं, लेकिन मकान मालिक कई बार अच्छा किराया मिलने के कारण किराएदार को परेशान नहीं करना चाहते हैं और उसकी जानकारी पुलिस को नहीं देते हैं। यदि मकान मालिक सजग हो जाएं, तो पंद्रह दिन के अंदर शहर में बाहर से आकर रह रहे लोगों की जानकारी पुलिस के पास होगी।
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किस आधार पर राशन कार्ड और आधार कार्ड ..???गंभीर जांच का विषय …………………….
सूत्रों से प्राप्त जानकारीनुसार जिले सहित शहर में पिछले 8 से 10 वर्षों के दरमियान कई लोग झाबुआ आकरं पर पूरी तरह से बस चुके है। इसमें अधिकतर कारीगर और मिस्त्रियों की संख्या का एक बड़ा तबका शामिल है। मजेदार बात तो यह है कि उन्होंने यहाँ आकर राशन कार्ड और आधार कार्ड भी बनवा लिया है। कहीं यह दस्तावेज उनके गृह गाँव के भी तो नहीं बने हुए है,जो की एक बेहद गंभीर जांच का विषय है। वे किस आधार पर या किसकी मिलीभगत से ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाने में कामयाब हो गए है और जिले में पूर्ण रूप से काबिज हो गए है…..?
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कार्रवाई की जाएगी……………….
मकान मालिक किराएदारों की आवश्यक रूप से लें और थाने में दें। ताकि संदिग्धों की जानकारी ली जा सके। यदि मकान मालिक थाने में जानकारी नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
…पद्म विलोचन शुक्ल-पुलिस अधिक्षक, झाबुआ
फोटो०१-:पद्म विलोचन शुक्ल-पुलिस अधीक्षक,झाबुआ
फोटो०२,०३-
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