झाबुआ

राशन दुकानों में कहां से पहुंच रहा घटिया अनाज….?

झाबुआ। संजय जैन-ब्यूरो चीफ।

क्वालिटी से समझौता नहीं-गुणवत्ता पूर्ण हो रही अनाज खरीदी, तो राशन दुकानों में कहां से पहुंच रहा घटिया अनाज….?

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राशन दुकानें माह की 01 तारीख से लेकर 21 तारीख तक खोलने का प्रावधान है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में दुकाने माह के किस दिन खुलेंगी यह तय नहीं रहता है। दुकानों के खुलने में बरती जाने वाली मनमानी की शिकायतें अधिकतर सामने आतीं रहती हैं। कुछ शिकायतों में हुई जांच के बाद एफआइआर की कार्रवाइयां भी हुईं हैं,लेकिन इसके बाद भी दुकानों से होने वालीं गड़बडिय़ों पर अंकुश नहीं लगा है।

मैं दिखवाता हूं,तक सीमित कार्रवाई………………………
अनाज वितरण में होने वालीं शिकायतों पर अधिकारी कार्रवाई का आश्वासन दे देते हैं, लेकिन कार्रवाइयां नहीं की जातीं हैं। वहीं जब घटिया राशन वितरण का सवाल मीडिया द्वारा किया जाता है, तो जिम्मेदार मैं दिखवाता हूं यह कहकर अपनी औपचारिकता पूरी कर लेते हैं,कार्रवाई नहीं होती है। बता दें कि राशन दुकान भेजे गए अनाज की रास्ते में चोरी होने की शिकायत आयी थी। अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ देते हैं कि वह अनाज वेयर हाऊसों से दुकानों को पहुंचाते हैं।

तो कैसे हो रही गड़बड़ी…..???
खाद्यान्न सरकार द्वारा किसानों से खरीदा जाता है। खरीदी के दौरान सरकार की तरफ  से तय किए गए मानकों के आधार पर ही किसानों से चना, चावल, गेहूं खरीदा जाता है। खरीदी के दौरान अनाज में मिट्टी होने या क्वालिटी में फर्क होने पर किसान का अनाज रिजेक्ट कर दिया जाता है। ऐसे में किसान साफ  माल ही केंद्रों पर बेचते हैं। किसानों से उच्च क्वालिटी का खरीदा माल सरकार राशन दुकानों के जरिए गरीबों में बांट देती है,लेकिन गरीबों को जो खाद्यान्न मिल रहा है,उसकी गुणवत्ता निम्न हो जाती है। अब सवाल यह है कि राशन दुकान तक माल पहुंचने पर इसकी क्वालिटी आखिर कैसे बदल जाती है….? इस सवाल का जबाव विभागीय अधिकारियों के पास नहीं है। दुकानों पर राशन पहुंचाने वाले अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ दते हैं कि वह अनाज वेयर हाऊसों से दुकानों को पहुंचाते हैं।

 फोटो०१/०२/
०००००००००००००००००००००००००००००००००

SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

सम्बंधित खबरें

Back to top button
error: Content is protected !!