झाबुआ

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कराना चाहिए पालन-मैरिज गार्डन के पास न पार्किंग सुविधा और न ही रजिस्ट्रेशन ….

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं करा पा रहा प्रशासन,पार्किंग की सुविधा नहीं-लगता है जाम………………….

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कराना चाहिए पालन-मैरिज गार्डन के पास न पार्किंग सुविधा और न ही रजिस्ट्रेशन ….

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। शहर और जिले भर में 40 से अधिक मैरिज गार्डन की भरमार है। इन मैरिज गार्डन का न तो कहीं रजिस्ट्रेशन न हीं पार्किंग की सुविधा हैं । उल्टे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और गाइड लाइन क धज्जियां उड़ाकर रहवासी क्षेत्रों में खुले आम मैरिज गार्डन का संचालन हो रहा है। कई बार जिला प्रशासन और नगर पालिका ने मैरिज गार्डन के संचालकों के साथ रजिस्ट्रेशन,पार्किंग समेत अन्य सुविधाओं को लेकर बैठक बुलाई,लेकिन नतीजा सिफर रहा। एक बार फिर शहर में शादियों की धूम शुरू हो गई है। फरवरी माह में शादियों के मुहूर्त हैं। इन शादियों के आयोजन से जहां कुछ लोगों के लिए खुशियां लेकर आए हैं तो वहीं कई लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मैरिज गार्डन के बाहर जाम सी स्थिति बनने लगती है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं करा पा रहा प्रशासन…………………….
फरवरी माह में विवाह के एक नहीं कई मुहूर्त हैं। यह आयोजन जहां कुछ लोगों के लिए खुशियां लेकर आए हैं,वहीं कई लोगों के लिए परेशानियां भी बढ़ गई हैं।जब भी अधिकारियों से कार्रवाई के मामले में पूछा जाता है तो उनका एक ही जवाब होता है, हम सर्वे कराकर ऐसे मैरिज गार्डन संचालकों को नोटिस दे रहे हैं। खास बात तो ये है कि चार-पांच मैरिज गार्डन तो शासकीय जमीन पर बन गए हैं। बता दें कि इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। हर बार की तरह एक बार फिर शहर और जिले की जनता को मैरिज गार्डन में आने वाले लोगों के वाहनों से जाम जैसी समस्या से जूझना होगा। क्योंकि जहां शहर में एक ओर मैरिज गार्डन संचालक बगैर अनुमति के उसका संचालन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न तो संबंधित विभाग के अधिकारी करा पा रहे हैं।

 यह  है सुप्रीम कोर्ट के आदेश ……….
एक न्यायिक अधिकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का आदेश शादी-ब्याह,समारोह आदि का मैरिज गार्डन, मांगलिक भवन को लेकर हैए,उस आदेश का पालन तो पुलिस प्रशासन को कड़ाई से कराना चाहिए। जिससे यातायात बाधित न हो और जनता को कोई परेशानी न हो। डीजे रात्रि दस बजे के बाद बंद हो जाना चाहिए, ऐसा नहीं करने वालों पर संबंधित पुलिस थाने के उस बीट में नियुक्त पुलिस कर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। डीजे को राजसात करने तक का प्रावधान है। इसके अलावा शादी समारोह में बारात हो या चल समारोह में कोई भी हथियार लेकर नहीं चल सकता है। उसके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई कर सकती है।

जिलेभर में 40 से अधिक मैरिज गार्डन……………..
सूत्रों के अनुसार शहर सहित जिले भर में 40 से अधिक मैरिज गार्डन,मांगलिक भवन-होटल हैं। जिनमें से कई ऐसे मैरिज गार्डन,,मांगलिक भवन, होटल हैं उनमें न तो पार्किंग की व्यवस्था है और न ही सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गार्ड तैनात हैं। इसके बाद भी धड़ल्ले से शादी-समारोह आयोजित हो रहे हैं। शादियों का सीजन शुरू होने के समय शहर समेत जिले भर में कई नामी-गिरामी होटलों, मैरिज गार्डन पर पार्किंग की सुविधा न के बराबर है,जिससे रोड पर वाहन खड़े होकर यातायात बाधित करते हुए देखे जा सकते हैं। यहां शादी-समारोह के समय घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग होते हुए देखा जा सकता है। अधिकांश बारातों और चल समारोह में हथियार लेकर लोग चलते हुए देखे जा सकते हैं। कई मैरिज गार्डन बगैर अनुमति के चल रहे हैं, इसके साथ ही होटलों को देखा जाए तो अधिकतर होटलों की अनुमति आवासीय की है,लेकिन वहां धड़ल्ले से होटल के रूप में संचालित हो रहे हैं। बारात के निकलने के समय जाम की तो यह स्थिति होती है कि कई बार तो वीआईपी के अलावा एम्बुलेंस तक फंस जाती है।

रिहायशी इलाके वाले मैरिज गार्डन से परेशानी……………
कुछ व्यवसायियों ने अपना फायदा देखते हुए मैरिज गार्डन घर के पास खाली पड़ी जगह में ही विकसित कर लिए हैं। कई कॉलोनी ऐसी हैं जहां संचालित मैरिज गार्डन संचालक के पास शादी या अन्य कार्यक्रमों के बाद निकलने वाला वेस्ट मटेरियल फेंकने के समुचित इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में यहां काम करने वाले कर्मचारी सड़े गले खाद्य पदार्थों को खुले में फेेंक देते हैं। जिससे यहां रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इन शर्तों का करना है पालन…………..
जो मैरिज हॉल संचालित हो रहे हैं उनके पास नपा से भवन निर्माण की स्वीकृति,व्यावसायिक डायवर्सन,नामांतरण, संपत्ति कर जमा होना चाहिए। पार्किंग के लिए कुल भू-भाग का 35 प्रतिशत हिस्सा रखा जाएगा। निर्माण लेआउट की कॉपी आवेदन में लगेगी। फायर सुरक्षा सहित अन्य बचाव के उपकरण मैरिज हॉल व शादी घरों पर होना चाहिए। कचरे का संग्रहण और निस्तारण की व्यवस्था होनी चाहिए। मैरिज हॉल के सामने से निकलने वाली रोड पर जाम न लगे इसके लिए प्राइवेट गार्ड की व्यवस्था का प्रमाण।

अभी यह है स्थिति ………………….
शहर में 5 से अधिक मैरिज गार्डन हैं। यदि हाई कोर्ट के मापदंड के अनुसार देखा जाए तो इनमें से अधिकांश अनफिट हैं। गार्डनों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। गार्डन में शादी या समारोह के बाद अपशिष्ट प्रबंधन जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। गार्डन के आसपास रहने वालों की शिकायत रहती है कि बचा खाना और जूठन हर कहीं फेंक दी जाती है,इसकी बदबू और गंदगी से आसपास के लोगों को परेशानी होती है।

क्या है मापदंड …?
-मैरिज गार्डन का क्षेत्रफल न्यूनतम 4000 वर्ग मीटर होना चाहिए।
-गार्डन का अगला भाग न्यूनतम 40 मंीटर चौड़ा होना चाहिए।
-गार्डन के सामने न्यूनतम 18 मीटर चौड़ी सड़क होना चाहिए।
-गार्डन परिसर के अंदर कुल भूखंड का कम से कम 35 प्रतिशत हिस्सा पार्किंग के लिए छोडऩा चाहिए।
-डायवर्सन आवश्यक है -व्यावसायिक।
-नगर पालिका से अनुमति होना चाहिए।
– पानी निकासी की व्यवस्था होना चाहिए।
-अपशिष्ट पदार्थ के लिए स्थान होना चाहिए।

कठोर कार्रवाई की जाएगी………………
‘नपा प्रशासन द्वारा समय-समय पर नियमों का पालन नहीं करने वाले मैरिज गार्डन संचालकों को नोटिस जारी किए जाते हैं और समझाइश भी दी जाती है। यदि नियमों का पालन नहीं करेंगे भविष्य में कठोर कार्रवाई की जाएगी। मैरिज गार्डन बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं और नियमों का पालन नहीं हो रहा है, उसको दिखाया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

धीरेन्द्र रावत- प्रभारी सीएमओ, नपा-झाबुआ


फोटो ०१-:धीरेन्द्र रावत-प्रभारी सीएमओ,नपा-झाबुआ
फोटो०२-:नगपालिका-झाबुआ
फोटो०३-
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SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

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