लोगों को टीबी की बीमारी से मुक्त कराने लगाएंगे वैक्सीन
टीबी मुक्त भारत अभियान 2025 – स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही चिह्नित……………………
लोगों को टीबी की बीमारी से मुक्त कराने लगाएंगे वैक्सीन, सर्वे शुरू…………………..
झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। टीबी की रोकथाम के लिए सभी पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बीसीजी के टीके की एक डोज दी जाती है। केंद्रीय टीबी डिवीजन वयस्क लोगों पर बीसीजी के टीके का प्रभाव जानने और टीबी की रोकथाम के लिए एक ट्रायल शुरू कर रहे हैं। सर्वे के तहत मरीज और उनके परिजनों को चिन्हित किया जा रहा है। उसके बाद टीकाकरण होगा। खास बात है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-आईसीएमआर व केंद्रीय टीबी डिविजन वयस्क लोगों पर बीसीजी के टीके का प्रभाव जानने और टीबी की रोकथाम के लिए एक ट्रायल शुरू कर रहे हैं। इसके तहत सर्वे शुरू किया गया है।
घर-घर जाकर मरीज करेंगे चिह्नित फिर टीकाकरण………..
डॉ.सावंत अजनार,क्षय अधिकारी – झाबुआ ने बताया कि झाबुआ के सभी 18 वार्ड में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों सहित आशा, उषा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वे शुरू किया गया है। घर-घर जाकर वयस्कों को बीसीजी का टीका देने का अभियान शुरू होगा। हालांकि इसके पहले नए और पुराने मरीजों को चिह्नित करने का लक्ष्य है। बुजुर्ग व धूमपान करने वाले टीबी से अधिक पीड़ित होते हैं। सर्वे में डायबिटीज, शुगर के मरीज भी चिह्नित होंगे। वर्तमान में सिविल अस्पताल सहित ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा केंद्रों पर मरीज चिन्हित है,उन्हें दवाई दी जा रही है।
नीक्षयी मित्र की नितांत आवश्यकता…..
जिले में नीक्षयी मित्र की नितांत आवश्यकता है। प्रशासन की अपील है कि सभी सक्षम व्यक्ति, समाजसेवी, अधिकारी और जनप्रतिनिधि नीक्षयी मित्र बनकर ऐसे मरीजों को यथाशक्ति अनुसार गोद अवश्य ले। इसी कड़ी में अस्पताल प्रशासन ने जिला पंचायत सीईओ रेखा राठौर से निवेदन किया कि वे सभी पंचायतों के सरपंच और सचिवों को नीक्षयी मित्र बनने के लिए प्रोत्साहित करने का सहयोग प्रदान करे।
इन्हें लगेगी क्षय रोग-टीबी की वैक्सीन…
क्षय रोग-टीबी की वैक्सीन यानि बीसीजी का टीका18 साल से अधिक उम्र के युवाओंं को भी ये टीका लगेगा। वहीं 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग,धूम्रपान करने वाले लोग,मधुमेह पीड़ित व्यक्ति भी इस दायरे में आएंगे। टीकाकरण से पूर्व व्यक्ति से लिखित सहमति ली जाएगी।
आबादी के 37 प्रतिशत को माना संदिग्ध…………………..
विशेषज्ञों ने बताया कि सर्वे के दौरान देश की कुल आबादी के 37 प्रतिशत लोगों को बीमारी को लेकर संदिग्ध माना गया है। इसलिए पूरे देश में बड़ी तादाद में सर्वे शुरू हुआ है। जल्द ही भारत को इस बीमारी से मुक्त करने के लिए बड़े अभियान की आवश्यकता है।
पांच साल में ये रही टीबी की स्थिति………………….
वर्ष कुल संख्या स्वस्थ संख्या मौत का ग्राफ
२०१९ २८६६ २७८० ५६
२०२० २३०२ २१२० ४९
२०२१ ३००७ २९१० ८२
२०२२ ३१७७ ३०६० ६९
२०२३ ३२०९ ३११० ७४
२०२४ ६० – –
वर्ष २०२३ में टीबी के मरीज-…………….
विकासखंड मरीज
झाबुआ- ५७०
मेघनगर- ५६२
थांदला- ५८०
पेटलावद- ६६३
पारा- ४१४
राणापुर- ४२०
—————————–
योग – ३२०९ मौत का ग्राफ -७४
——————————-
काफी अंकुश लगेगा…………………….
60 से ऊपर उम्र वाले सभी को वैक्सीन लगाई जाएगी। पांच साल पहले पीड़ित व उसके परिवार को वैक्सीन लगाई जाएगी। विकसित भारत यात्रा के दौरान अधिक से अधिक थूक की जांच एन्टी टीबी स्टाफ के द्वारा की जाएगी। वैक्सीन लगाए जाने से काफी अंकुश लगेगा,अभी सर्वे का कार्य किया जा रहा है। शासन से निर्देश मिलते ही जल्द ही वैक्सीन लगाए जाने का काम किया जाएगा।
…………..डॉ.सावंत अजनार,क्षय अधिकारी-झाबुआ
फोटो०१-:डॉ.सावंत अजनार,क्षय अधिकारी-झाबुआ
फोटो०२-झाबुआ अस्पताल
फोटो०३/०४
०००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००