झाबुआ
झाबुआ में चल रहीं 700 से अधिक झोला छाप डॉक्टरों की दुकानें,जबकि है बगैर डिग्री इलाज परए तीन साल की जेल का प्रावधान ….
@मुकेश परमार (भीलीभाषा )

आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के रह गए निर्देश सिर्फ कागजों तक ही सीमित- झोला छाप डॉक्टरों को नही किसी का भी भय……………………….
झाबुआ में चल रहीं 700 से अधिक झोला छाप डॉक्टरों की दुकानें,जबकि है बगैर डिग्री इलाज परए तीन साल की जेल का प्रावधान ………
- झाबुआ। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देश के बाद तो ऐसा लगा था कि मध्य प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों की शामत आ जायेगी। सूबे की मोहन सरकार झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर एक्शन मोड पर आ गई थी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों और सीएमएचओ फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। साथ ही भविष्य में भी ऐसे फर्जी डॉक्टरों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये थे।
- मुंगेरीलाल के हसीन सपने ही बन कर रह गया निर्देश…………………..
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बगैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकीय संस्था से डिग्री लेकर अपने आपको डॉक्टर लिखकर इलाज करता मिला तो उसके पकड़े जाने पर तीन साल की सजा और पचास हजार रुपए का जुर्माना होगा। कुछ माह पूर्व इस आशय की जानकारी चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त ने कलेक्टर और सीएमएचओ को भेजे एक पत्र में दी थी। जिले में सात सौ से अधिक झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकान चलाकर मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने को कहा गया था। इस अभियान से झोलाछाप डॉक्टरों की शामत आ सकती थी,लेकिन निर्देश मुंगेरीलाल के हसीन सपने ही बन कर रह गया है। - झोला छाप डॉक्टरों की नही किसी का भय.मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़……………….
किसी भी गली-मोहल्ले या गांव में चले जाएं तो आपको वहां बगैर बोर्ड लगा,झोला छाप डॉक्टर भोले-भाले ग्रामीणों का इलाज करते मिल जाएंगे। नियम के अनुसार इनको सीएमएचओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। लेकिन झोला छाप डॉक्टर रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा रहे हैं। शहर में कई झोला छाप डॉक्टर दुकान खोले हुए हैं। जो इलाज कर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते मिल जाएंगे और पैसा भी अनाप-शनाप इलाज के नाम पर लेते दिखाई दे सकते हैं। झोला छाप डॉक्टरों की नही किसी का भय है। इससे यह साफ प्रतीत होता है कि ना तो अधिकारी और ना ही जिले की मुखिया को इस बात की चिंता है। - झोलाछाप डॉक्टरों की कोई जानकारी नहीं जुटाई गयी……………….
गौरतलब है कि प्रदेश के अधिकतर ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं। ये फर्जी डॉक्टर अवैध रूप से क्लीनिक संचालित कर लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं। इसके कई मामले लगातार सामने आते रहे हैं। झोलाछाप चिकित्सकों के संस्थानों को तत्काल प्रतिबंधित किया जाना था। कलेक्टर और सीएमएचओ को ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित करने के निर्देश भी दिए गए थे। साथ ही उन्हें ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर सरकारी सुविधाओं के बारे में जानकारी भी देनी थी। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में प्रशासन की ओर से चिकित्सकों के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की भी बात कही गई थी,लेकिन निर्देश तो हवा-हवाई बन कर ही रह गया है। - कोई एक्शन प्लान नजर नहीं आया……………….
लोगों का कहना था मुख्यमंत्री के इस निर्देश से हम काफी खुश हो गए थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश तो दिए,लेकिन इस पर अमल किसी ने भी नही किया। हम लोगो को तो यह तक सुनने में आ रहा है कि सिर्फ झोला छाप डाक्टर्स की प्रभावी सिंडिकेट से मिल रही नियमित मिठाई का वजन बढ़ाने के उद्देश्य के लिए ही निर्देश शायद दिए गए थे। बताया जा रहा है कि अब प्रदेश में सक्रिय ऐसे सभी प्रभावी डॉक्टरों ने मोहन के मन को शायद मोह भी लिया है। हम लोगों को जमीन पर निर्देश के बाद कोई एक्शन प्लान कही भी नजर ही नही आया है। हमने ना तो अधिकारी और ना ही जिले की मुखिया की ओर से,इन फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई ही देखी है। - ये केवल लिख सकते हैं डॉक्टर…………………..
आयुक्त के आदेश के अनुसार डॉक्टर अभिधान का उस व्यक्ति के नाम के साथ उपयोग किया जा सकेगा जो कोई मान्यता प्राप्त चिकित्सकीय अर्हता धारित करता हो और तत्समय प्रवृत्त विधि द्वारा स्थापित किसी बोर्ड या परिषद या किसी अन्य संस्था में चिकित्सा व्यवसायी के रूप में रजिस्ट्रीकृत है तथा अन्य कोई व्यक्ति स्वयं को चिकित्सा व्यवसायी के रूप में अभिव्यक्त करने के लिए डॉक्टर अभिधान का उपयोग नहीं करेगा। चिकित्सा शिक्षा संस्था नियंत्रण अधिनियम 1973 यथा संशोधित अधिनियम 1975 एवं संशोधन अधिनियम 2006 की धारा 7 ग का यदि कोई उल्लंघन करता है तो उस पर तीन वर्ष की कारावास पचास हजार रुपए का जुर्माने तक का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि धारा 7.ग का संबंध गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों से है।
- फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई करेंगे…………
अपंजीकृत चिकित्सकीय संस्थानों एवं अपात्र व्यक्तियों झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जा रहा है,तो ऐसे लोगों पर जल्द ही तत्काल कार्रवाई कर प्रतिबंध लगाएंगे और जिला अभियोजन अधिकारी को विधि कार्रवाई के लिए प्रकरण उपलब्ध कराएंगे।
………………….डॉ.बघेल-सीएमएचओ,झाबुआ