Newsकिसानझाबुआ

रात के तापमान में गिरावट, लेकिन ठंड का नहीं हो रहा अहसास..बेचैनी और बीमारी बढ़ा रहा तापमान…….

@मुकेश परमार (भीलीभाषा )

रात के तापमान में गिरावट, लेकिन ठंड का नहीं हो रहा अहसास..बेचैनी और बीमारी बढ़ा रहा तापमान……

झाबुआ। नवंबर के महीने में सर्दी दस्तक दे देती है,लेकिन इस साल अभी तक दिन का अधिकतम तापमान 34 से 35 डिग्री के बीच चल रहा है। रात के तापमान में बीते माह के दूसरे पखवाड़े की तुलना में धीरे-धीरे कमी आ रही है,लेकिन फिर भी अभी तक ठंड ने दस्तक नहीं दी है। ठंड शुरू नहीं होने से किसान चिंतित हैं। किसानों का कहना है कि बढ़े हुए तापमान से उगती फसलों में नुकसान का डर बना हुआ है। यदि कई दिन यही स्थिति रही तो उग रही फसलों के सूखने की समस्या शुरू हो जाएगी। वहीं मौसम से रोगियों की अस्पताल में संख्या बढ़ रही है।

 

 

स्थिति पहले जैसी ……………….

बारिश की विदाई और सर्दी का सीजन चालू होने के बाद भी ठंड ने अभी तक दस्तक नहीं दी है। जिससे दिन में 34 और 35 डिग्री पर चल रहा तापमान बेचैनी और बीमारी बढ़ाने वाला साबित हो रहा है। दिन में सुबह 10 बजे के बाद धूप बेचैनी बढ़ाने लगती है। अभी भी दिन में 1 से 4 बजे के बीच सड़कों पर सन्नाटा दिखाई देता है। रात में कई लोग अभी भी उमस से बचाव के लिए पंखे और कूलर का उपयोग कर रहे हैं। बीते माह हल्की बूंदाबांदी के बाद सुबह कोहरा देखा गया। दो तीन दिन ठंड भी सुबह महसूस की गई,लेकिन बाद में आकाश साफ होते ही स्थिति पहले जैसी हो गई।

 

अभी ठंड महसूस नहीं हो रही……………..

नवंबर माह के 9 दिन बीत गए है,लेकिन दिन के तापमान में अभी कोई कमी नहीं आयी। अक्टूबर माह के दूसरे पखवाड़े में अधिकतम तापमान 35 डिग्री बना रहा,जो अब एक डिग्री कम होकर तीन दिन से 34 पर स्थिर है। यही स्थिति रात के तापमान की है। इसमें भी एक डिग्री की गिरावट के बाद यह 17 से 18 पर आ गया है। लेकिन रात और अल सुबह अभी ठंड महसूस नहीं हो रही है।

 

तापमान की स्थिति……………..

 

दिनांक अधिकतम न्यूनतम

 

2 नवंबर 35.8 17.8

 

3 नवंबर 34.6 18.6

 

4 नवंबर 36.0 18.2

 

5 नवंबर 35.4 17.0

 

6 नवंबर 35.0 16.7

 

7 नवंबर 34.2 17.4

 

8 नवंबर 34.2 18.0

(तापमान डिग्री सेल्सियस में)

 

गेहूं के लिए जरूरी है ठंड…..

गेहूं चने के लिए ठंड जरूरी है। इससे पौधों में दाना पुष्ट होता है व उत्पादन भी अच्छा होता है। कृषि विभाग के डीडीए नगीन रावत ने बताया कि निजी सिंचाई साधनों वाले किसान पलेवा कर बोवनी कर चुके हैं,हालांकि ऐसा रकबा कम ही है। गांव के किसान ने बताया कि ठंड जिस साल जितनी ज्यादा ठंड पड़ती है,उस साल गेहूं का उत्पादन अपेक्षाकृत अधिक होता है,अभी मौसम अनुकूल नहीं है।.नगीन रावत-डीडीए,कृषि विभाग

 

SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

सम्बंधित खबरें

Back to top button
error: Content is protected !!