सामाजिक

प्रतिबंध का असर कमजोर- मवेशियों के लिए जानलेवा साबित हो रही पॉलीथिन, कार्रवाई भी नहीं ,बेखौफ  उपयोग हो रही अमानक पॉलीथिन..

पॉलीथिन मुक्ति के बोर्ड बने रस्म अदायगी-खुलेआम धड़ल्ले से उपयोग हो रही पॉलीथिन,न लोग जागरूक न प्रशासन गंभीर….

(ब्यूरो चीफ -संजय जैन)

झाबुआ। कहने को तो 1 जुलाई 2023 से सिंगल यूज पॉलीथिन बैन हो गई है। इसको बेचना, उपयोग करना बैन है। लेकिन बाजार में देखें तो सब्जी, फल, किराने और अन्य सभी प्रकार का सामान दुकानों से पॉलीथिन में ही मिलता है। बाजार में हर दुकान और हर हाथ में पॉलीथिन दिखाई देती है। शुरू के कुछ दिनों प्रशासन ने सख्ती दिखाई, लेकिन कुछ दिनों बाद सब पहले की तरह दिखाई देने लगा।  पॉलीथिन का बैन सिर्फ  कागजों और नगर पालिका के बोर्ड तक ही सीमित है।

पॉलिथीन खाने के बाद नहीं पचा पाते मवेशी-असमय मौत………………….
 अमूमन लोग अपने घरों का कचरा डोर-टू-डोर कलेक्शन वाहनों में डालते है। वहीं कई जगहों पर प्रतिदिन साफ. सफाई के बाद कचरा एकत्रित होता है। उनमें पॉलीथिन की अधिक भरमार दिखाई देती है। पॉलीथिन के अंदर रखी सब्जियों के खराब अंश कतरन, अनाज व फलों के छिलके को पॉलिथीन समेत मवेशी खा लेते हैं। जिससे उनकी असमय मौत हो जाती है।

साल 2022 तक पूरी तरह बैन होनी थी पॉलिथीन………………………
मध्य प्रदेश में सिंगल यूज पॉलिथीन का धड़ल्ले से उपयोग होने की वजह से इसका प्रतिकूल परिणाम भी देखने को नहीं  मिल रहा है। सिंगल यूज पॉलिथीन पशुओं के लिए नुकसानदायक है। साल 2019 में सरकार ने पॉलिथीन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। यह भी दावा किया गया था कि साल 2022 तक सिंगल यूज पॉलिथीन का उपयोग पूरी तरह बंद हो जाएगा। हालांकि, सरकार के दावे पर अभी तक अमल नहीं हो पाया ह। आज भी बाजार में सब्जियां, किराना सामान,दूध सहित रोजमर्रा की छोटी-बड़ी वस्तुएं सिंगल यूज पॉलिथीन बैग में आ रही है। कपड़े और कागज के बैग का चलन अभी नहीं हो पा रहा है।

कई बार कार्रवाई, फिर भी पॉलीथिन का चलन बंद नहीं……………….
अमानक पॉलीथिन को लेकर नगर पालिका जागरुकता अभियान चलाती रहती है। पूर्व में कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में अमानक पॉलीथिन के ढेर जब्त कर जुर्माने की कार्रवाई की है। फिर भी इसका चलन बाजार से बंद होता नहीं दिखता। मुख्य रूप से फल, सब्जी से लेकर किराना व फुटकर दुकानों पर पॉलीथिन का चलन अब भी जारी है।

चलाएंगे जल्द अभियान………………………….
अमानक पॉलीथिन के प्रति जागरुकता को लेकर अभियान चलता रहता है। 75 माइक्रोन से कम वाली पॉलिथीन को सिंगल यूज़ प्लास्टिक की श्रेणी में रखा गया है। अगर कोई इसका इस्तेमाल करता है, तो एक हजार से लेकर 25 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान है। अमानक पॉलीथिन के विरूद्ध जल्द अभियान चलाएंगे।
……………………..संजय पाटीदार-प्रभारी सीएमओ नगर पालिका,झाबुआ

फोटो०१-:संजय पाटीदार-प्रभारी सीएमओ नगर पालिका ,झाबुआ

SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

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