उधारी पर चल रहा आईएसओ जिला अस्पताल…


उधारी पर चल रहा आईएसओ जिला अस्पताल ,गरीब सरकारी अस्पताल-अति आवश्यक सुविधाओं के लिए भी अस्पताल प्रबंधन नहीं चुका पा रहा पैसे…………………..
सफाई,सुरक्षा, भोजन, दूध सब उधारी में-अस्पताल प्रबंधन पर डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक कज-र्एक माह से दवा खरीदी के लिए राशि नहीं,सफाई व्यवस्था भी ठप………..

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। जिला अस्पताल लगभग डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज में डूब गया है। राज्य सरकार से बजट न मिलने से यहां दूध,भोजन, गैस, सुरक्षा और साफ.-सफाई व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। प्रदेश के अधिकतर जिला अस्पतालों को इन व्यवस्थाओं के लिए बजट हर माह मिल रहा है, लेकिन जिला अस्पताल में सात माह से बजट नहीं आया है। इस कारण किसी भी सामग्री सप्लाई करने वाली एजेंसी को भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिला अस्पताल झाबुआ में भोजन,दूध,सुरक्षा,सफाई सब उधारी पर मिल रहा है। यहां के सुरक्षा,सफाई एवं अन्य कार्यों में लगे कर्मचारियों में आक्रोश है। ये कर्मचारी भुगतान दिलाने की मांग को लेकर कभी भी सड़कों पर उतर सकते हैं। जिला अस्पताल की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हैं।
पिछले 6 माह से नहीं मिली राशि सुरक्षा गार्ड को ……………………….
जिला अस्पताल की दूसरी सेवा में मरीजों और अस्पताल की सुरक्षा शामिल है। सुरक्षा गार्ड अस्पताल में तैनात किए गए हैं। इनका मानदेय और निजी एजेंसी का सेवा शुल्क मिलाकर हर माह डेढ़ लाख रुपए खर्च बताया जाता है । जबकि यह राशि पिछले 6 माह से नहीं मिली है। इस वजह से अस्पताल की सुरक्षा में लगे सुरक्षा गार्ड को भी समय पर मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है।

जारी होती है सरकार आकस्मिक निधि…
अस्पताल के वार्डों में छोटे-मोटे कार्य के लिए सरकार आकस्मिक निधि जारी होती है। ताकि जरुरत पड़ने पर कार्य कराए जा सकें। लेकिन यह राशि भी 6 माह पहले सिर्फ डेढ़ लाख रुपए ही प्राप्त हुई थी। अब एक पैसा नहीं है। इससे अस्पताल में छोटे-मोटे कार्य जैसे स्टेशनरी की खरीदी,बल्ब खराब होने पर बदलने कोई छोटी टूट-फूट हो जाए तो वार्ड इंचार्ज इस पैसे से काम करा लेती थीं।
दवाओं की खरीदी को लेकर बजट खत्म हो चुका…………………..
जिला अस्पताल में दवाओं की खरीदी को लेकर बजट खत्म हो चुका है। एक माह पहले 25 लाख रुपए की राशि जारी हुई थी। इससे 100 प्रकार की दवाओं की खरीदी का ऑर्डर लगाया जा चुका है। कुछ दवाएं आ चुकी है, बाकी आना बाकी है। लेकिन अब दवाओं की खरीदी के लिए अस्पताल के खाते में एक पैसा भी नहीं है। हालांकि कई दवाओं के ऑर्डर लगना बाकी हैं।
डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान अटका हुआ………………..
अस्पताल में मरीजों को भोजन,दूध और खाना आदि की सप्लाई व्यवस्था शामिल हैं। इन सेवाओं के संचालन को लेकर बजट पिछले 5 से 6 माह से नहीं आया है। हालांकि किचन की सभी सेवाएं जिसमें किराना,दूध,सब्जी,फल,गैस आदि की सप्लाई ठेकेदारों द्वारा की जाती है। इन सभी सेवाओं की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों का डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान अटका हुआ है।

बजट भोपाल स्तर से जारी नहीं हुआ…
बजट भोपाल स्तर से जारी नहीं हुआ है। हमने 3 पत्र स्वास्थ्य संचालनालय को लिखे हैं। जैसे ही बजट आएगा तो अस्पताल में सभी सेवाएं देने वालों को भुगतान कर दिया जाएगा।
………. डा.एम.एल. मालवीय-सिविल सर्जन-जिला अस्पताल ,झाबुआ
फोटो ०१-:डा.एम.एल. मालवीय-सिविल सर्जन-जिला अस्पताल ,झाबुआ
फोटो ०२-:आईएसओ जिला अस्पताल ,झाबुआ
फोटो०३-:
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