बस संचालकों की मनमानी,प्रेशर हॉर्न, ओवरलोडिंग,खटारा बसों में सफर करना बना यात्रियों की मजबूरी….

झाबुआ।ब्यूरो चीफ-संजय जैन।

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले वाहनों में ओवरलोड चलने वाले वाहनों पर नकेल कसने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। क्षेत्र में चलने वाले यात्री वाहनों में क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठाई जा रही है। खास बात है कि जब बसें नगर में आ जाती है, तो भी इनकी गति इतनी तेज होती है कि जरा सी चूक बड़े हादसे को न्यौता देगी। नगर में लोग कार्रवाई की मांग करने लगे है।

प्रेशर हॉर्न पर लगाम नहीं लगा पा रहे अधिकारी …..
बसों में ओवरलोडिंग जारी है। बिना रोक-टोक बसों और लोडिंग वाहनों में सवारियों को ढोया जा रहा है। बसों में प्रेशर हॉर्न का उपयोग किया जा रहा है जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है। ड्राइवर एवं कंडक्टर द्वारा मनमर्जी से कहीं पर भी रोड पर अपनी बसों को रोक दिया जाता है, जिससे कोई घटना हो सकती है। वहीं बस संचालक एवं ड्राइवर द्वारा उनकी गति पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। ध्वनि प्रदूषण एवं वाहन की तेज गति पर अंकुश लगाया जाए।

ग्रामीण सड़कों पर दौड़ रही खटारा बसें..
ग्रामीण क्षेत्रों में खटारा बसें सरपट दौड़ रही है। प्रतिदिन नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कई बसें संचालित की जाती है। यदि बसों के अंदर और बाहर की हालत की जांच कराई जाए तो ट्रैफिक विभाग द्वारा किस तरह इन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इस पर सवाल खड़े हो सकते हैं।
दुर्घटना होने के बाद ही कार्रवाई ……..
लोगों का कहना है कि दुर्घटना होने के बाद ही पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करते है। जैसे इनसे सख्त कोई नहीं है, लेकिन कुछ समय के दिखावे के बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। पिछले दिनों पुलिस अधिकारी बस स्टैंड पहुंचे थे। लोगों का कहना है कि इसके पहले बड़े पुलिस अधिकारी कब कार्रवाई करने पहुंचे ये कोई नहीं जानता।

नियमों का पालन कराने में जिम्मेदार नाकाम……………………..
पुलिस और प्रशासन के आदेश को धता बताते हुए वाहनों के पीछे यात्रियों को लटकाकर चल रहे है। इन वाहनों की गति भी बेहद तेज होती है, जिससे दुर्घटना के समय जान माल की क्षति बढ़ सकती है। पूर्व में नियमानुसार यात्री वाहनों और लोडिंग वाहनों में क्षमता से अधिक यात्री बैठाने पर चालक का लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश पुलिस मुख्यालय ने ट्रैफिक विभाग को दिए थे। लोडिंग वाहनों पर भी यात्रियों का परिवहन किया जा रहा है।

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