झाबुआ

डीजे वाले भैया जरा धीरे बजाओ,नहीं तो करियर का बज जाएगा बैंड

डीजे वाले भैया जरा धीरे बजाओ,नहीं तो करियर का बज जाएगा बैंड…………..

परीक्षा के समय भी बज रहे डीजे, निर्धारित डेसीबल का नहीं हो रहा पालन………………

रात 10 बजे बाद रोक कोई प्रतिबंध नहीं-नियम शिथिल, नहीं हो रही कार्रवाई…………………

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। मुख्यमंत्री के पहले आदेश में लाउडस्पीकर, डीजे को लेकर जो गाइडलाइन सामने आई थी, उसे फॉलो कराने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तमाम प्रयास किए गए। डीजे, बाजे संचालकों के अलावा धार्मिक संगठनों को भी डिसेबल का ज्ञान इस दौरान दिया गया। साथ ही नियमों से भी अवगत कराया गया था। डीजे पर तो दो बॉक्स से ज्यादा तक की अनुमति नहीं थी, लेकिन मौजूदा समय में चल रहे आयोजनों,शादी समारोह में चल रहे डीजे, बाजों की आवाज सुनकर नियमों का कितना पालन हो रहा अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं अब इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही हैं, ऐसे में लगता है कि नियम शिथिल हो चुके हैं।

अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं ……….
तेज संगीत पर रोक को लेकर प्रशासन की ओर से अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम को लेकर धारा 144 के तहत आदेश जारी किए है। परीक्षाओं के चलते ध्वनि प्रदूषण पर प्रतिबंधात्मक आदेश लागू है। अब तक कोई डीजे के साउंड को रोकने के लिए कवायद नहीं हुई है,जबकि रात 10 बजे बाद डीजे बजाने का नियम नहीं है। इसका पालन नहीं हो रहा है। बड़ी संख्या में डीजे साउंड सिस्टम का उपयोग हो रहा है। डीजे गाडिय़ों में तेज आवाज के लिए बड़ी संख्या में एम्पलीफायर लगाए जा रहे हैं। बड़ी गाडिय़ों में इनकी संख्या 8 से ज्यादा होती है। कई गाडिय़ों में 200 डेसीबल से अधिक साउंड पैदा करने की क्षमता साउंड सिस्टम लगा रखे है।

निर्धारित डेसीबल का नहीं हो रहा पालन.
डीजे की गाडिय़ां सडक़ पर खुलेआम शोर मचाकर घूम रही है। शासन ने साउंड सिस्टम को लेकर एक निर्धारित डेसीबल तय किया है, लेकिन फिर भी ध्वनि प्रदूषण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वैवाहिक कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रमों में ध्वनि नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ  कार्रवाई करने के निर्देश है।

धार्मिक आयोजन भी बन रहे सिरदर्द…..
शादी समारोह के अलावा हर गांव, गली, मोहल्लों में चल रहे धार्मिक आयोजन भी परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों के लिए सिरदर्द बन रहे हैं। शहर और आसपास इन दिनों भागवत कथाएं, महारुद्र यज्ञ, पंचकल्याणक महोत्सव सहित अन्य सभी वर्गों के धार्मिक आयोजन चल रहे हैं। जिनमें भी साउंड का बेजा उपयोग हो रहा हैं। इसके प्रदूषण से बच्चों की पढ़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। इन पर भी तत्काल प्रभाव में रोक लगना चाहिए।

यह है नए नियम………………….
नए आदेश के तहत औद्योगिक क्षेत्र में सुबह 6 बजे से रात्रि के 10 बजे तक 75 डेसिबल की ध्वनि तय की गई है। वहीं व्यावसायिक क्षेत्र में 65 डेसीबल की ध्वनि तय की है। आवासीय क्षेत्र में 55 और शांत क्षेत्र में 50 डेसिबल से ऊंची आवाज में ध्वनि प्रदूषण स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा परीक्षा के समय ध्वनि प्रदूषण पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है।

देना चाहिए प्रशासन को विशेष ध्यान ….

90 डेसिबल से ऊंची आवाज कानों को नुकसान पहुंचा सकती है। लंबे समय तक इतनी तेज आवाज सुनने से श्रवण क्षमता कम हो जाती है। परीक्षा के दौरान डीजे, बाजा और चुंगे आदि पर पूरी तरह प्रतिबंध रहना चाहिए। इससे पढ़ने वाले बच्चों के कान के साथ.साथ दिमाग पर भी काफी असर करता है। यहां तक बच्चे जो प्रश्न याद कर चुके हैं, डीजे की लगातार आवाज से उसे भूल भी सकते हैं। परीक्षा के समय इस पर प्रशासन को विशेष ध्यान देना चाहिए।
……….डॉ.एम् किराड़ -जिला अस्पताल, झाबुआ

फोटो०१-डॉ.एम् किराड़ -जिला अस्पताल,झाबुआ
फोटो०२/०३-
००००००००००००००००००००००००००

चार चरण में होगी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन-परीक्षा के साथ मूल्यांकन भी चलेगा……………………..

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। वर्तमान में कक्षा 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं,लेकिन परीक्षा के साथ-साथ शिक्षकों की ड्यूटी मूल्यांकन के लिए भी लगाई गई है। पहले चरण में कक्षा 10वीं का हिंदी, गणित को शामिल किया गया है,जबकि कक्षा 12वीं के भी कुछ विषय मूल्यांकन के लिए पहुंचे है। परीक्षा समाप्त होने के बाद मूल्यांकन के कार्य में तेजी आएंगी। परीक्षा में लगे शिक्षकों को भी मूल्यांकन कार्य में शामिल किया है।

सीसीटीवी कैमरों से हो रही निगरानी…..
बोर्ड द्वारा मूल्यांकन केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है, हर गतिविधियों पर बोर्ड के अफसरों की नजर है। मूल्यांकन केंद्र प्रभारी द्वारा मूल्यांकनकर्ताओं की ड्यूटी लगाने के साथ ही पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्राचार्य सीएम  राइज स्कूल झाबुआ हरीश कुण्डल ने बताया कि जिन कक्षों में मूल्यांकनकर्ता कॉपियां चेक करेंगे वहां सीसीटीवी कैमरों की निगरानी है। कॉपियों का लाइव भोपाल कंट्रोल रूम में आसानी से देखा जा सकेगा।

है चाक-चौबंद व्यवस्था ……………
कल 22 फरवरी से मूल्यांकन का कार्य शुरू हो गयो है। कैमरे व पुलिस सुरक्षा 24 घंटे है। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान स्कूल में चाक-चौबंद व्यवस्था है। सीसीटीवी कैमरों के अलावा कक्षों में आमजन का प्रवेश प्रतिबंधित है।
………. हरीश कुंडल-प्राचार्य सीएम राइज स्कूल,झाबुआ  

फोटो ०४-हरीश कुंडल-प्राचार्य सीएम राइज स्कूल,झाबुआ  
फोटो ०५-सीएम राइज स्कूल,झाबुआ  
फोटो ०६-
00000000000000000000000

SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

सम्बंधित खबरें

Back to top button
error: Content is protected !!