झाबुआ

धूल से सनी मिठाई संग बिक रही बीमारियां,

धूल से सनी मिठाई संग बिक रही बीमारियां,दुकानों व बेकरियों में मिल रही दूषित मिठाई  – जानकार अधिकारी बने मूकदर्शक…………………..

व्यापारियों को समझनी होगी जिम्मेदारी,अधिकारों के प्रति जागरूक रहें ग्राहक……………….

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन। उपभोक्ता अपने अधिकार से अंजान हैं। दुकान पर सामान खरीदने के बाद उन्हें पक्की रसीद नहीं मिलती है। जिससे टैक्स चोरी होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसकी जिम्मेदारी व्यापारियों को खुद समझनी होगी। वहीं ग्राहकों को भी अपने अधिकार के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। कई बार ऐसे मामले देखने व सुनने को मिलते हैं। जहां सामान खरीदी के बाद दुकानदार व ग्राहक के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। विवाद केवल पक्की रसीद नहीं देने की बात को लेकर निर्मित होता है। ऐसी स्थिति में दुकानदारों को भी समझने की जरूरत है।

बेंच रहे धूल से सनी मिठाई संग बीमारियां ……………………..
शहर में दुकानदार धूल से सनी मिठाई संग बीमारियां बेंच रहे हैं, दिन भर हवा के साथ उड़ रही धूल दुकानों पर खुले में रखी मिठाइयां व अन्य खाद्य सामग्रियों पर पड़ रही है। ग्राहकों से शुद्ध व बेहतर सामान का पैसा वसूल दुकानदार उन्हें ठगने का काम कर रहे हैं। इस बदतर स्थिति पर खाद्य सुरक्षा विभाग की नजर पडऩे के बाद भी कार्रवाई करने की जहमत नहीं कर रही है।

गिरफ्त में आ सकते हैं गंभीर बीमारी की……………….
देखा जाए तो हर चौथी दुकान में दूषित मिठाई और खाद्य पदार्थ बेचा जा रहा है। कहीं पर गंदगी में बैठ मिठाई और खाद्य पदार्थ तैयार किए जा रहे हैं,तो कहीं सड़क की उड़ रही धूल से खुले में रखी खाद्य पदार्थ दूषित हो रहा है। हवा के साथ उड़ रही धूल दुकानों पर खुले में रखी मिठाइयां,पकौड़े,जलेबी,पोहा, समोसे आदि पर पड़ रही है। ग्राहकों से शुद्धता का दावा करते हुए दुकानदार उन दूषित सामग्रियों का पूरा पैसा वसूल रहे हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने से लोग गंभीर बीमारी की गिरफ्त में आ सकते हैं। यह स्थिति शहर के सभी चौक चौराहों, सहित बस स्टैंड और अधिकारियों के आवास व कार्यालयों के पास भी यही स्थिति है। जहां पर सुबह से शाम तक दुकानों और हाथ ठेला में दुकानें लगाकर लोगों को दूषित खाद्य सामग्री परोसी जा रही है। हैरत की बात है कि ऐसे दुकानदारों की जानकारी होने के बाद भी उनके खिलाफ  जिला प्रशासन तो दूर खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे बदलते मौसम में ऐसी खाद्य सामग्रियों को खरीद सेवन करने से लोग गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आ सकते हैं।

केवल खास मौके पर करते हैं जागरूक……………….
वैसे तो उपभोक्ताओं को उनके अधिकार के बारे में समय-समय पर जागरूक किया जाना चाहिए। मगर जिले में यह आयोजन केवल खास मौके पर किया जाता है। यही कारण है कि उपभोक्ता अपने अधिकार से वंचित हैं और टैक्स की चोरी हो रही है। उपभोक्ताओं को एक दिन उनके अधिकार के बारे में बताया जाता है। यही वजह है कि दुकानों पर ग्राहक ठगे जा रहे हैं।

नाश्ता की प्लेटें भी हाइजेनिक नहीं……………..
होटलों,ठेले दुकानों में लोगों को नाश्ता रखकर परोसने की प्लेंटें भी स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित नहीं है। नाश्ता की प्लेट धोने के लिए होटलों में पानी की किल्लत है या पानी लाने के लिए मजदूर खर्च बचाने कम पानी में ही प्लेट धोने का काम कराया जाता है। शहर की एक दुकान में नाश्ता करने के बाद ग्राहक पहली बाल्टी में प्लेट और चम्मच डालते है और बाल्टी भरने से कर्मचारी ने इसी बाल्टी के पानी से प्लेट साफ  करते हैं फिर दूसरी बाल्टी के पानी में प्लेटें डालीं और फिर तीसरे बाल्टी के पानी में प्लेट डालकर काउंटर पर रख दी गईं। लगातार एक ही पानी से प्लेट धोने की वजह से तीनों बाल्टियों में गंदगी से नाश्ता की प्लेट फिर से काउंटर तक पहुंच रही थी।

रसोई में गंदगी का आलम……………………..
खाद्य सामग्री तैयार करने की रसोई में भारी अव्यवस्था देखी गई। यहां समोसा बेलने के लिए फर्श का इस्तेमाल किया जाता है। इसी फर्श से होकर अन्य कर्मचारियों का आना-जाना रहता है। इसके बाद सुबह से बना हुआ आलू का मसाला समोसे में डाला जाता है। मसाले पर मक्खियां बार-बार बैठती रहती हैं। समोसा में आलू भरने के बाद इसे ट्रे में खुला रख दिया जाता है। इसी तरह सभी खाद्य सामग्री में भी लापरवाही बरती जा रही है।

उत्पादन की तिथि भी अंकित होना विशेष जरूरी………………………
ग्राहकों के सामन खरीदी करने के बाद दुकानदारों को पक्की रसीद देने के साथ ही सामग्री पर निर्माता व उत्पादन की तिथि भी अंकित होना विशेष जरूरी है क्योंकि ग्राहकों को उनका अधिकार मिलना चाहिए। यदि इस बात की जानकारी ग्राहकों को नहीं है तो उन्हें उनके अधिकार के बारे में दुकानदार को बता देना चाहिए।

पैसा लेकर लाइसेंस बनाया और प्रशासन की जिम्मेदारी खत्म……………….
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत होटल,ढाबे,किराना दुकान,खाद्य सामग्री तैयार करने वाला, प्रसंस्करण करने वाले और पैकिंग करने वालों ने वार्षिक आय बताकर निर्धारित रकम अदा कर लाइसेंस बनवाते हैं। लेकिन जिले का खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग लाइसेंस बनाने के बाद ऐसे दुकानों पर मानकों के पालन की निगरानी नहीं कर रहा है। जिससे जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है।

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बेची जा रही प्रभावी बेकरी व्यापारियों द्वारा गुमनाम मिठाइयां ……….
शहर सहित जिले में प्रभावी बेकरी व्यापारियों द्वारा उनकी दुकानों पर बेकरी में गुमनाम मिठाइयां बेची जा रही है। इन प्रभावियो द्वारा ब्रेड और केक तो धड़ल्ले से बिना कोई लगाम तथा मानक मापदंड से बेचे जा रहे है। सबसे पहले तो प्रशासन को शहर सहित जिले में संचालित सभी बेकरियों की नियमित जांच करनी होगी, साथ ही इन प्रभावियो पर कठोर कार्यवाही करनी होगी। खासकर ऐसी मिठाइयां गांव के किराना दुकान संचालक खरीदकर ले जाते हैं। जो गांव में 50 पैसे से 1 रुपए प्रति नग में बेची जाती है। ऐसी मिठाइयों को बनाने वाली कंपनी के नाम,मिठाइयों में मिलाये गए सामानों की जानकारी, मिठाई उत्पादन की तिथि, अवसान होने की तिथि आदि का उल्लेख नहीं होता है। ऐसी मिठाइयां शहर की ज्यादातर बेकरी से हर रोज गांव के लोगों को बेची जा रही हैं।
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इन बिंदुओं पर देना होगा ध्यान……………….
-सामान खरीदने के बाद उपभोक्ताओं को पक्की रसीद मिलनी चाहिए।

-सामग्री के पैकेट पर निर्माता का नाम व उत्पादन की तिथि होनी चाहिए।

-किसी सामग्री पर एक्सपायरी तिथि अंकित होना विशेष जरूरी है।

-उपभोग की वस्तु में समस्या होने पर शिकायत का प्लेटफार्म मिलना चाहिए।

-तौल-कांटा की नियमित रूप से विभाग की ओर से जांच की जानी चाहिए।

ठगे जाने की स्थिति में फोरम की शरण ले सकता है………………………
उपभोक्ताओं को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। पक्की रसीद होने पर उपभोक्ता ठगे जाने की स्थिति में फोरम की शरण ले सकता है।
……………………संजय काठी,जिलाध्यक्ष व्यापारी संघ-झाबुआ

पक्की रसीद देना अनिवार्य……………………
सामग्री बिक्री के बाद कुछ बड़े विक्रेता ही पक्की रसीद देते हैं। जबकि, सभी विक्रेताओं को पक्की रसीद उपभोक्ताओं को देना अनिवार्य चाहिए।
……………….अजय वर्मा,व्यवसायी-झाबुआ

अधिकार मिलना चाहिए…………….
उपभोक्ताओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए। जिले में उपभोक्ता फोरम है। उपभोक्ताओं को विवाद की स्थिति में उपभोक्ता फोरम की शरण है।
……………नरेश डोसी, अधिवक्ता-झाबुआ

मुझे अवगत कराएं………………..
उपभोक्ता अपने अधिकार को जानें। सामग्री खरीदते हुए दुकानदार उपभोक्ताओं का सहयोग नहीं कर रहे हैं तो टोल फ्री नंबर पर शिकायत करें। मुझे अवगत कराएं।
……….संजय पाटील,जिला आपूर्ति अधिकारी -झाबुआ

जल्द ही बेकरियों की जांच करेंगे………………………
हमारी ओर से एक रुटीन कार्रवाई की जाती है और दूसरी छापामार कार्रवाई की जाती है। हम रूटीन कार्रवाई व छापामार कार्रवाई समय-समय कर रहे हैं। जिसमें कई मामले भी सामने आए जिन्हें हिदायत देकर कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही शहर सहित जिले की बेकरियों की जांच करेंगे।
…………………..राहुल अलावा,फूड इंस्पेक्टर-झाबुआ

 फोटो ०१-:.संजय काठी,जिला अध्यक्ष व्यापारी संघ-झाबुआ
 फोटो ०२-:नरेश डोसी,अधिवक्ता-झाबुआ
 फोटो०३-:.संजय पाटील,जिला आपूर्ति अधिकारी-झाबुआ
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SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

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