जिले के पशु अस्पतालों पर माकूल व्यवस्था- जागरूकता की कमी, ग्रामीण नही ले पा रहे एंबुलेंस का फायदा …..


पशु को इलाज की आवश्यकता है तो प्राथमिकता से इसकी सूचना 1962 डायल कर अवश्य दे……………………….
झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन।शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में मवेशियों का इलाज कराने के लिए लोगों के लिए इलाज के लिए चिकित्सकों की जिले में पर्याप्त व्यवस्था है। क्षेत्र में तैनात पशु चिकित्सकों द्वारा समय पर इलाज के लिए पशुपालकों को परेशानी नहीं होती है। इलाज करने के लिए चिकित्सक सतत उपलब्ध रहते है। जिले के पशु अस्पतालों पर डॉक्टरों की माकूल व्यवस्था है। जिले भर में 14 पशु अस्पताल के लिए पर्याप्त 29 डॉक्टर तैनात है,जबकि प्रदेश के अधिकतर जिलों में स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है।
जागरूकता की कमी,एंबुलेंस का लाभ नहीं………….
आधुनिक साधनों से लैस चलित पशु चिकित्सा इकाई एंबुलेंस में सर्जिकल किट, मेडिसिन बॉक्स,फ्रिज,एआइ किट सहित पशु को मैदानी हिस्से से अस्पताल लाने तक की व्यवस्था इस वाहन में मौजूद रहेगी। यदि कोई किसान अपने पशु के इलाज के लिए 1962 नंबर को डायल करता है, तो भोपाल के कॉल सेंटर पर फोन उठेगा और वह कंट्रोल स्थानीय वाहन चालक को मौके पर भेजेगा। निजी पशुओं के इलाज के लिए किसान या पशु मालिक को 150 रुपए का शुल्क देना पड़ेगा, जबकि हादसों में घायलों जानवरों का इलाज निशुल्क किया जाएगा। जिले के लिए 8 गाडिय़ां आई हैं, जिन्हें तहसील मुख्यालयों पर तैनात किया गया है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में इसको लेकर जागरुकता नहीं होने से लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं।


हो जाता है मवेशी का समय से इलाज …………………
क्षेत्र के पशुपालकों की सूचना पर डॉक्टर पहुंचकर और जांच कर पशुओं को उचित दवाइया दे रहे है। वही ग्रामीण इलाकों के पशु पालकों की सूचना देने के बाद डॉक्टर समय से पहुंच रहे हैं ,इससे पशुओं का समय से इलाज हो हो रहा है। जिससे ग्रामीणों को पशुओं को निजी डॉक्टरों के पास नही ले जाना पड़ता है। जससे उन्हें मनमानी फीस और दवाईयों को खर्चा नहीं उठाना पडता़ है। पशुओं का समय से इलाज हो जाता है और मवेशियों की जान समय से बचा ली जाती है। इसके साथ ही आवारा फिर रही मवेशियों के घायल होने की स्थिति और हाइवे किनारे गांवों पर हर रोज कहीं न कहीं मवेशी घटना का शिकार होकर घायल होते है तो और आम लोग जब सरकारी डॉक्टरों को फोन कर सूचना देते हैं तो डॉक्टर पहुंच जाते हैं। जिससे ऐसे मवेशी का समय से इलाज हो जाता है।
मुख्यालयों पर -कहा कितने डॉक्टर पदस्थ, विकासखंड वार …………………..
-झाबुआ विकासखंड में 13
-रामा विकासखंड में 2
-मेघनगर विकासखंड में 2
-थांदला विकासखंड में 5
-पेटलावद विकासखंड में 6
-राणापुर विकासखंड में 1
(इस तरह से जिले के 14 पशु अस्पतालों में पर्याप्त कुल 29 डॉक्टर पदस्थ है।)
अवश्य देवे सूचना 1962 डायल कर …………………………
जिले में कुल 29 डॉक्टर पदस्थ है जिनसे किसी भी पशु पालकों को पशुओं के इलाज के लिए परेशान नही होना पड़ता है। आपके माध्यम से हम लोगो को जागरूक करना चाहते है कही पर भी पशु को इलाज की आवश्यकता है तो वे प्राथमिकता से इसकी सूचना 1962 डायल कर अवश्य देवेै।
………………..विल्सन डावर-जिला पशु चिकित्सालय झाबुआ।
फोटो ०१-:पशु चिकित्सा इकाई एंबुलेंस
फोटो ०२-
0000000000000000000000000
