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पूर्व कलेक्टरो के आदेशों की खुले आम धज्जिया उड़ती आ रही है ,वाटर हार्वेस्टिंग-लापरवाही में बह गया बारिश का पानी

हार्वेस्टिंग सिस्टम फिट नहीं…………………………
जिला मुख्यालय पर बने नगर पालिका भवन सहित नपा द्वारा बनवाए गए कॉम्पलेक्सों में भी कहीं पानी संरक्षण के कोई इंतजाम नहीं हैं। शहर के  सभी कॉम्पलेक्स की सैकड़ों दुकानों से नगर पालिका को लाखों रुपए की प्रतिमाह आमदनी होती है। पर विभाग द्वारा इनमें हार्वेस्टिंग सिस्टम फिट नहीं कराए गए हैं।

नहीं निभा रहे अधिकारी जिम्मेदारी……………………………….
हर साल गर्मी पानी की किल्लत झेलने के बाद भी लोगों में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता नहीं आई है। बारिश का पानी सहेजने में ना ही लोग रूचि दिखा रहे है और ना ही अधिकारी भी यह जिम्मेदारी निभा रहे है। इसका ही नतीजा है कि नगर के हजारो घरों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाएं गए है। यह हालात केवल प्राइवेट घरों की नहीं बल्कि सरकारी भवनों में भी बारिश का पानी एकत्रित करने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगे हैं। नगर परिषद के अधिकारी भी इस मामले में स्पष्ट प्रावधानों के बाद भी कोई रुचि नहीं ले रहे हैं।

पूर्व कलेक्टरो के आदेशों की खुले आम धज्जिया उड़ती आ रही है ………………..
पूर्व कलेक्टरो द्वारा जल शक्ति अभियान के तहत शासकीय भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एक्टिवेट रखने के निर्देश दिए जाते रहे है । इसके अलावा शहर के  नव निर्मित भवनों पर भी रूफ वाटर हार्वेस्टिंग करने के लिए निर्देशित किया जाता रहा है। उन्होंने नगरीय निकाय क्षेत्रों में भी तालाबों में मुनारे लगाने के निर्देश भी दिए थे। पूर्व कलेक्टरो के आदेशों की खुले आम धज्जिया उड़ते हुए देखी जा रही है। कब जिम्मेदार अपनी कुम्भकर्णीय नींद से जागेंग और इस नितांत भविष्य की चिंता करेंगे,यह तो वे ही जाने……………..?

ऐसे बना सकते हैं वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ……………
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना बहुत ही आसान है और इसमें लागत भी कुछ खास नहीं है। इसके लिए मकान के आकार के अनुसार ही मकान के पास में गड्ढे करें। 15 सौ स्क्वेयर फुट मकान के लिए 10 फुट चौड़ा गड्ढे करें। गड्ढे को रेत, पत्थर और ईंट के टुकड़ों से भर दें। छत से एक पाइप से बारिश का पानी गड्ढे में छोड़ें। बारिश का पानी इसके जरिए जमीन में पहुंचता है और रिचार्ज होकर वाटर लेवल बढ़ाता है।

हर साल नगर पालिका से 50 से 70 घर मालिक मकान बनाने की अनुमति ले रहे हैं ……………………
*** यह लगता है शुल्क ***
वर्गमीटर छत के लिए                   शुल्क
0 से 140                             1500 रुपए
141 से 200                         7 हजार रुपए
201 से 300                        10 हजार रुपए
301 से 400                        12 हजार रुपए
401 से अधिक के लिए           15 हजार रुपए

शुरू होगा अभियान ……………
आने वाले समय को देखते हुए वर्षा जल का संरक्षण आवश्यक है,इस ओर प्रयास किए जाएंगे। नए भवन निर्माताओं को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करने के स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं। अगर वे इसका पालन नहीं करते हैं तो उनकी धरोहर राशि राजसात की जाएगी। वैसे इसके लिए लोगों में भी जागरूकता होना चाहिए। लोगों में सिस्टम के प्रति जागरूकता की कमी है। नगरपालिका घर मालिकों को सिस्टम लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएगी।
……………..जाबिर खान-सीएमओ नगर पालिका,झाबुआ

SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

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