
30 प्रतिशत मरीजों ने कहा, रोटी की गुणवत्ता सही नहीं, सलाद का रहता है अभाव
झाबुआ। सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को मुफ्त दवाओं के साथ पौष्टिक भोजन भी कराया जाता है,ताकि मरीज को जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ मिल सके लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते मरीजों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है। जबकि जानकारी अनुसार इस साल सामान्य मरीजों और गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले भोजन दर में बढ़ोत्तरी की गई हैं। हमने अस्पताल में भर्ती मरीजों में से कुछ मरीजों से यहां मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर सवाल किया जिस पर अधिकांश मरीजों और उनके परिजनों का कहना था कि भोजन की गुणवत्ता ठीक नहीं है।
दी जाती है कच्ची-पक्की रोटी……………….
जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों में लगभग 30 प्रतिशत मरीजों ने बताया कि भोजन में जो रोटी दी जाती है उसमें कुछ कच्ची रोटियां होती है। इसी तरह सब्जी की भी क्वालिटी ठीक नहीं होती। करीब 20 प्रतिशत मरीजों ने कहा कि भोजन के साथ सलाद नहीं दिया जाता। जबकि मेन्यू के अनुसार भोजन के साथ सलाद दिया जाना चाहिए। सलाद खाना शरीर के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इसी तरह करीब 20 प्रतिशत प्रसूता महिलाओं ने कहा कि सुबह जो दूध दिया जाता है वह काफी पतला होता है। वहीं मेन्यू के अनुसार महिलाओं के लिए जरूरी पपीता दिया जाना चाहिए। लेकिन पपीता नहीं मिलता और जो लड्डू दिए जाते हैं वे भी आकार, वजन में निर्धारित मात्रा से कम होते हैं। वहीं करीब 10 प्रतिशत मरीजों ने मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर संतुष्टि भी जाहिर की।
किचन शेड में गंदगी……………….
जहां मरीजों के लिए भोजन तैयार होता है। वहां आसपास पर्याप्त साफ. सफाई का अभाव है। इसी तरह जो मरीजों के परिजन अपने लिए भोजन तैयार करते हैं। वहां भी शेड में और आसपास काफी गंदगी और बदबू फैली रहती है। कई परिजन इसी शेड में बनाए गए भोजन को भर्ती मरीज को भी खिलाते हैं। इस तरह गंदगी के बीच बनाया हुआ भोजन मरीज को और बीमार बनाने का काम कर रहा है।
फोटो ०१-:जिला अस्पताल-झाबुआ।
फोटो०२-:
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