त्यौहारों के चलते शहर के बाजारों में बढ़ी भीड़, भारी वाहन कर रहे यातायात बाधित

मुख्य बाजारों की यातायात व्यवस्था दुरस्त करने में यातायात पुलिस निष्क्रीयSMSNEWS.live=========================
झाबुआ। इन दिनों त्यौहारों का दौर चल रहा है, ऐसे में शहर के मुख्य बाजारों में भीड-भाड़ अधिक देखी जा रहीं है, ऐसे में यातायात व्यवस्था को दुरस्त एवं सुचारू करने की जिम्मेदारी जिस यातायात पुलिस की है, उसकी निष्क्रीयता के चलते मुख्य बाजारों में भारी वाहनों के प्रवेष से जाम की स्थिति निर्मित हो रहीं है। जिसके कारण परेषानी राहगीरांे और दो पहिया वाहन चालकांे को हो रहीं है। शहर की यातायात व्यवस्था दिन-प्रतिदिन लचर होती जा रहीं है। जिसका कारण मुख्य बाजारों में एक तरफ जहां स्थायी के साथ अस्थायी अतिक्रमण बढ़ना है वहीं सड़कों पर बेतरतीब खड़े रहने वाले दो पहिया वाहनों के कारण राहगीरों को निकलने की जगह नहीं बचती है। मुख्य बाजारों में यह स्थिति बस स्टेंड से लेकर ठेठ राजवाड़ा तक देखी जा सकती है, जहां इन दिनों स्थायी के साथ अस्थायी अतिक्रमण काफी बढ़ा है। भारी वाहनों के प्रवेष से लग रहा जाम दूसरी ओर इसी बीच मुख्य बाजारों में भारी वाहनों के प्रवेष से जाम की स्थिति भी निर्मित हो रहंी है। तीन एवं चार पहिया वाहन मुख्य बाजारों में बेरोकटोक प्रवेष करने से मुख्य बाजारों में प्रतिदिन पचासों से अधिक बार लंबा जाम लगता है। कहीं भी तिराहो-चैराहों या मुख्य बाजारों में त्यौहारों के चलते भी यातायात आरक्षक की तैनाती दिखाई नहीं पड़ती है। फुटपाथों पर अस्थायी अतिक्रमण हो गया वहीं सड़के भी राहगीरों के चलने के लिए नहीं बच रहीं है। त्यौहारी सीजन के बीच विषेष रूप से यातायात पुलिस को इस ओर ध्यान देकर शहर के मुख्य बाजारों की यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरस्त किए जाने की आवष्यकता है। त्यौहारों के चलते शहर के बाजारों में बढ़ी भीड़, भारी वाहन कर रहे यातायात बाधित, मुख्य बाजारों की यातायात व्यवस्था दुरस्त करने में यातायात पुलिस निष्क्रीय झाबुआ। इन दिनों त्यौहारों का दौर चल रहा है, ऐसे में शहर के मुख्य बाजारों में भीड-भाड़ अधिक देखी जा रहीं है, ऐसे में यातायात व्यवस्था को दुरस्त एवं सुचारू करने की जिम्मेदारी जिस यातायात पुलिस की है, उसकी निष्क्रीयता के चलते मुख्य बाजारों में भारी वाहनों के प्रवेष से जाम की स्थिति निर्मित हो रहीं है। जिसके कारण परेषानी राहगीरांे और दो पहिया वाहन चालकांे को हो रहीं है। शहर की यातायात व्यवस्था दिन-प्रतिदिन लचर होती जा रहीं है। जिसका कारण मुख्य बाजारों में एक तरफ जहां स्थायी के साथ अस्थायी अतिक्रमण बढ़ना है वहीं सड़कों पर बेतरतीब खड़े रहने वाले दो पहिया वाहनों के कारण राहगीरों को निकलने की जगह नहीं बचती है। मुख्य बाजारों में यह स्थिति बस स्टेंड से लेकर ठेठ राजवाड़ा तक देखी जा सकती है, जहां इन दिनों स्थायी के साथ अस्थायी अतिक्रमण काफी बढ़ा है। भारी वाहनों के प्रवेष से लग रहा जाम दूसरी ओर इसी बीच मुख्य बाजारों में भारी वाहनों के प्रवेष से जाम की स्थिति भी निर्मित हो रहंी है। तीन एवं चार पहिया वाहन मुख्य बाजारों में बेरोकटोक प्रवेष करने से मुख्य बाजारों में प्रतिदिन पचासों से अधिक बार लंबा जाम लगता है। कहीं भी तिराहो-चैराहों या मुख्य बाजारों में त्यौहारों के चलते भी यातायात आरक्षक की तैनाती दिखाई नहीं पड़ती है। फुटपाथों पर अस्थायी अतिक्रमण हो गया वहीं सड़के भी राहगीरों के चलने के लिए नहीं बच रहीं है। त्यौहारी सीजन के बीच विषेष रूप से यातायात पुलिस को इस ओर ध्यान देकर शहर के मुख्य बाजारों की यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरस्त किए जाने की आवष्यकता है।त्यौहारों के चलते शहर के बाजारों में बढ़ी भीड़, भारी वाहन कर रहे यातायात बाधित, मुख्य बाजारों की यातायात व्यवस्था दुरस्त करने में यातायात पुलिस निष्क्रीय झाबुआ। इन दिनों त्यौहारों का दौर चल रहा है, ऐसे में शहर के मुख्य बाजारों में भीड-भाड़ अधिक देखी जा रहीं है, ऐसे में यातायात व्यवस्था को दुरस्त एवं सुचारू करने की जिम्मेदारी जिस यातायात पुलिस की है, उसकी निष्क्रीयता के चलते मुख्य बाजारों में भारी वाहनों के प्रवेष से जाम की स्थिति निर्मित हो रहीं है। जिसके कारण परेषानी राहगीरांे और दो पहिया वाहन चालकांे को हो रहीं है। शहर की यातायात व्यवस्था दिन-प्रतिदिन लचर होती जा रहीं है। जिसका कारण मुख्य बाजारों में एक तरफ जहां स्थायी के साथ अस्थायी अतिक्रमण बढ़ना है वहीं सड़कों पर बेतरतीब खड़े रहने वाले दो पहिया वाहनों के कारण राहगीरों को निकलने की जगह नहीं बचती है। मुख्य बाजारों में यह स्थिति बस स्टेंड से लेकर ठेठ राजवाड़ा तक देखी जा सकती है, जहां इन दिनों स्थायी के साथ अस्थायी अतिक्रमण काफी बढ़ा है। भारी वाहनों के प्रवेष से लग रहा जाम दूसरी ओर इसी बीच मुख्य बाजारों में भारी वाहनों के प्रवेष से जाम की स्थिति भी निर्मित हो रहंी है। तीन एवं चार पहिया वाहन मुख्य बाजारों में बेरोकटोक प्रवेष करने से मुख्य बाजारों में प्रतिदिन पचासों से अधिक बार लंबा जाम लगता है। कहीं भी तिराहो-चैराहों या मुख्य बाजारों में त्यौहारों के चलते भी यातायात आरक्षक की तैनाती दिखाई नहीं पड़ती है। फुटपाथों पर अस्थायी अतिक्रमण हो गया वहीं सड़के भी राहगीरों के चलने के लिए नहीं बच रहीं है। त्यौहारी सीजन के बीच विषेष रूप से यातायात पुलिस को इस ओर ध्यान देकर शहर के मुख्य बाजारों की यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरस्त किए जाने की आवष्यकता है।
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