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अलर्ट-तेजी से बढ़ रहे हैं ऑनलाइन क्राइम के मामले,रहें सावधान-साइबर अपराधी अपना रहे हैं नए-नए पैतरे, डिजिटल अरेस्ट नया तरीका..

@मुकेश परमार – (भीलीभाषा )

साइबर फ्रॉड का हो गए शिकार-1930 नंबर पर करें कॉल,सरकार पूरा पैसा दिलाएगी वापस-कई हेल्पलाइन नंबर शुरू करने चाहिए …………

इंदौर/झाबुआ। बदलते समय के साथ साइबर फ्रॉड ठगी के नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। साइबर अपराधी नए तरीके से इस तरह से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं कि उन्हें समझ में भी नहीं आता कि आखिर उनके साथ क्या हो रहा है। साइबर अपराधियों ने कई सोशल साइट्स पर जाल बिछा रखा है। कस्टमर केयर नंबर से मिलता-जुलता फेक कस्टमर केयर नंबर अपडेट कर रखे हैं। ऐसे में जब कोई उस नंबर पर सम्पर्क करता है तो कस्टमर केयर नम्बर सक्रिय नहीं होता और दूसरे नम्बर से कॉल आती है। साइबर अपराधी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर बात करते हैं और लोगों को विश्वास में लेकर निजी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। यदि आपसे कस्टमर केयर के माध्यम से निजी जानकारी प्राप्त करता है,तो समझ जाएं कि आप साइबर फ्रॉड के शिकार होने वाले हैं। कभी भी कोई ऐसे अंजान ऐप लिंक डाउनलोड न करें जिससे कोई व्यक्ति आपके सिस्टम को दूर बैठकर एक्सेस ले। साइबर अपराधी आपकी एक छोटी सी गलती के लिए बैठे हैं,इसके लिए जागरूकता ही बचाव है।

ऐसे दिया जाता है झांसा……………….
साइबर अपराधी डिजिटल गिरफ्तारी को लेकर सबसे पहले स्कैमर्स आपको एक एसएमएस,ईमेल या अन्य सोशल साइट्स माध्यम से टेक्स्ट भेजते हैं। इसमें बताया जाता है कि आपका नाम या फोन नंबर अश्लील सामग्री,ड्रग्स या मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आपराधिक मामलों से जुड़ा है। फिर आपको डिजिटल गिरफ्तारी से बचने के लिए एक नंबर पर कॉल करने को कहा जाता है। जब आप कॉल करते हैं तो स्कैमर्स विभिन्न सोशल साइट्स माध्यम से वीडियो कॉल करते हैं। वे खुद को अधिकारी बताते हैं। यकीन दिलाने के लिए वे वर्दी पहनते हैं और पीछे सरकारी झंडे,लोगो या वॉकी-टॉकी की तस्वीरें दिखाते हैं। वॉकी-टॉकी की आवाजें गूंजाते हैं।

ऐसे स्कैम से कैसे बचें……………..
सरकारी एजेंसियां वीडियो कॉल के जरिए जांच या गिरफ्तारी नहीं करती हैं। अपनी निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। कभी भी पैसे ट्रांसफर न करें। कानून प्रवर्तन एजेंसियां केस खत्म करने के लिए पैसे नहीं मांगती हैं। किसी भी संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें। यदि आपको ऐसा कोई कॉल आता है,तो सबूत के तौर पर बातचीत को रिकॉर्ड करें या स्क्रीनशॉट लें। हालांकि पूरे देश में एक ही हेल्पलाइन नंबर  होने के कारण ये नंबर काफी व्यस्त होने की शिकायतें आती रहती हैं। इसलिए आप इस नंबर पर बार-बार फोन करते रहें और किसी दूसरे नंबर से भी इसे मिलाने की कोशिश करते रहें। जानकार मानते हैं कि सरकार को इस तरह के अपराधों को देखते हुए और कई हेल्पलाइन नंबर शुरू करने चाहिए ताकि लोगों की शिकायत जल्द से जल्द रिपोर्ट हो सकें।

30 मिनट का समय अहम……………….
अगर आपके साथ साइबर ठगी होती है तो ठग उस पैसे को अनजान अकाउंट या मनी वॉलेट में पहुंचाता है। फिर वहां से किसी एटीएम से रकम बाहर निकालने की कोशिश करता है। मोटे तौर पर बहुत तेजी दिखाने पर भी इसमें करीब 30 मिनट का समय लगता है। यही वो समय है जिसमें अपने साथ हुई ठगी की जानकारी साइबर सेल में देनी होतीहै। 30 मिनट बीत जाने पर ये पैसा कहीं का कहीं पहुंच जाता है और बैंकिंग सिस्टम से निकाल लिया जाता है,जिसके बाद इसे ऑनलाइन प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। अब ये पैसा तभी रिकवर हो पाता है जब मुजरिम को गिरफ्तार कर लिया जाए और उसके पास से पैसे बरामद हो जाएं।

कैसे काम करती है ये सर्विस…?
* किसी भी बैंकिंग लेनदेन को पूरा होने में वक्त लगता है। जब आप यूपीआई पेमेंट या कोई अन्य ऑनलाइन लेनदेन करते हैं,तो आपके अकाउंट से तुरंत पैसे कट जाते हैं,लेकिन एक बैंक से दूसरे बैंक के बीच पैसों के लेनदेन में वक्त लगता है। ऐसे में अगर आप 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करते हैं,तो आपके पैसे के लेनदेन को रोककर आपको पैसा वापस किया जा सकता है।
* ऑनलाइन फ्रॉड का दायरा बेहद बड़ा है और आप भी इस दायरे से बाहर नहीं है। यह समझकर चलिए कि आपकी एक गलती आपको इसका शिकार बना सकती है। रोजाना हजारों लोग इन जालसाजों का शिकार होते हैं,लेकिन आधे से ज्यादा बिना कोई रिपोर्ट कराए रह जाते हैं या फिर रिपोर्ट करवाने में देरी कर देते है। जिससे उनका डूबा हुआ पैसा मिलने की संभावनाएं कम होती जाती है। आपकी थोड़ी सी सतर्कता आपके डूबे पैसे बचा सकती है।

अहम है जागरूकता………………..
गृह मंत्री अमित शाह ने आय-4-सी स्थापना दिवस पर कहा था कि आज के दौर में जैसे-जैसे डिजिटल निर्भरता बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे साइबर फ्रॉड के भी नये-नये रूप सामने आ रहे है,ऐसे में जागरुकता अहम है। हर उस शख्स को साइबर फ्रॉड से अलर्ट रहना चाहिए जो डिजिटली काम काज करते है,उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए ही आय-4-सी की स्थापना की गई है। यह साइबर क्राइम को रोकने की दिशा में एक कारगर पहल है। अब आय-4-सी को जन-जन तक लोकप्रिय बनाने की जरूरत है।
………………..अमित शाह -गृह मंत्री

तत्काल 1930 पर फोन कर सूचित करें……………….
साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। इसमें सबसे जरूरी यह है कि लोग जागरूक हों। जितना जागरुकता आएगी उतने ही मामले कम से कम होंगे। अगर थोड़ा सा भी संदेह हो तो तत्काल 1930 पर फोन कर सूचित करें। इस नंबर पर शिकायत करने के बाद पुलिस और एजेंसी तुरंत एक्शन में आती है। साथ ही बैंक तक तत्काल प्रभाव से सूचना पहुंचती है। अगर किसी के साथ साइबर ठगी हो भी गई तो अगर पीड़ित ने तीन घंटे के अंदर हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सूचना दे दी तो उसके खाते में पैसे वापस आ जाते हैं।
…………………………..पद्म विलोचन शुक्ल-पुलिस अधीक्षक

SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

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