शिवराज सिंह लड़ें कहां से..? विजयवर्गीय चाहें वहां से…

अब चुन चुन कर बदला लेने की भूमिका में शायद आ गए हैं विजयवर्गीय….
( ब्यूरो चीफ – संजय जैन )
झाबुआ। शिवराज सिंह चौहान ने अपनी 18 साल की सत्ता में कैलाश विजयवर्गीय को जितना तला वो विजयवर्गीय कैसे भूल सकते हैं….? वे महू से चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे फिर भी महू से उनका शिवराज ने विधानसभा का टिकट फायनल करवाया था। चुनाव जीतने की तिकड़म में माहिर विजयवर्गीय तब जीत तो गए थे,लेकिन अब वे चुन चुन कर बदला लेने की भूमिका में शायद आ गए हैं।
नाम आगे बढ़ाया गया शिवराज सिंह को आसमान से जमीन पर पटकने के लिए……………..
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों के पैनल तय करने की प्रक्रिया शुरू की,तो पहली फुर्सत में उन्होंने शिवराज सिंह चौहान का नाम छिंदवाड़ा के लिए सुझाया और यह खबर वॉयरल भी कर दी। प्रदेश की 29 में से एकमात्र छिंदवाड़ा सीट ही भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। अभी हाल में ही हुए विधानसभा चुनाव में भी जिले की सातों सीटों पर कांग्रेस अपनी जीत दर्ज करा चुकी है। समर्थकों को लगता है कि शिवराज सिंह को आसमान से जमीन पर पटकने के लिए छिंदवाड़ा सीट से उनका नाम आगे बढ़ाया गया है।
विदिशा सीट या भोपाल सीट शिवराज की पसंद है क्या….?
अब जब भाजपा और कमलनाथ के बीच अंडरहैंड डिलिंग चर्चा में है,तो भाजपा यहां से किसी कमजोर प्रत्याशी को लड़ा कर नकुल नाथ की जीत की राह शायद आसान कर सकती है। शिवराज का चुनाव लड़ना और जीतना-मोदी मंत्रिमंडल में संभवत नरेंद्र सिंह तोमर वाला विभाग मिलना भी तय सा है,लेकिन वे लड़ेंगे कहां से….? लेकिन कोई उनसे पूछे तो सही…..सुषमा स्वराज वाली विदिशा सीट या साध्वी प्रज्ञा वाली भोपाल सीट उनकी पसंद है क्या….? विजयवर्गीय का बस चले तो अब वे दिग्विजय सिंह के संसदीय क्षेत्र राजगढ़ से भी उनका नाम आगे बढ़ा सकते हैं। रही बात परिणाम की तो दिग्विजय-विजयवर्गीय का दोस्ताना तो शिवराज भी जानते ही हैं।
