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प्रशासन को ही नहीं पता है कि कितनी बहनों को योजना का लाभ मिलेगा….?

शासन के आदेश और उपभोक्ताओं की मजबूरी में गैस एजेंसी संचालकों की चांदी-450 में गैस सिलेंडर की योजना में पात्र लाड़ली बहनों का डाटा ही नहीं...

हजार महिलाओं में संभावना जताई जा रही है कि इसमें से सामान्य वर्ग में 11 से 13 हजार महिलाओं के नाम गैस सिलेंडर होगा।

कनेक्शनधारियों की परेशानी……………………
2400 रुपए जमा करने को कहा………………
कनेक्शनधारी पत्नी के नाम कनेक्शन ट्रांसफर कराने गया तो गैस एजेंसी संचालक ने एडवांस डिपॉजिट में 2400 रुपए जमा करने के लिए कहा गया। जबकि  पड़ोसी गैस एजेंसी पर कनेक्शन ट्रांसफर करवाने मात्र 627 रुपए ही लिए जा रहे हैं।
4 हजार रुपए जमा करने को कहा…………………
कनेक्शनधारी लाड़ली बहनाओं को मिलने वाली गैस सब्सिडी का लाभ लेने पत्नी के नाम कनेक्शन ट्रांसफर कराने एजेंसी पर गया। संचालक ने 4 हजार रुपए एडवांस जमा करने को कहा। इतनी बड़ी राशि एक साथ कैसे जमा कर दें..? इसलिए कनेक्शन ट्रांसफर नहीं हो पाया। जबकि पड़ोसी का कनेक्शन मात्र 400 रुपए में ही ट्रांसफर हो गया।

कनेक्शन ट्रांसफर कराने यह दस्तावेज देने पड़ रहे…………….
-समग्र आईडी की फोटो कॉपी।
-आधार कार्ड ,पति और पत्नी।
-बैंक खाता महिला का।
-50 रुपए का स्टांप पर शपथपत्र।
-गैस कनेक्शन की मूल कागज।
-एक फोटो महिला का।

एडवांस डिपॉजिट जमा करवाई जा रही है,वह है नियमानुसार ………………………………..
गैस एजेंसी संचालकों द्वारा पत्नी के नाम कनेक्शन ट्रांसफर कराने के बदले जो एडवांस डिपॉजिट जमा करवाई जा रही है वह नियमानुसार है। वहीं लाड़ली बहनाओं को गैस सब्सिडी का लाभ देने अस्थायी कनेक्शन पत्नी के नाम से देने का सवाल है तो इस संबंध में सर्कुलर नहीं आया है।

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संजय पाटिल-प्रभारी खाद्य अधिकारी-झाबुआ

SMS News (भीली भाषा)

मुकेश परमार SMS NEWS के प्रधान संपादक है , मुकेश परमार सुदर्शन न्यूज़, APN NEWS, दैनिक अख़बार मे सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके है...

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