अपार आईडी- स्कूल से लेकर कॉलेज में कहीं भी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी जमा नहीं करनी पड़ेगी….
9 से 12वीं तक के हजारों बच्चों की बनाई जाएगी वन नेशन,वन स्टूडेंट आईडी
@मुकेश परमार – एडिटर एंड चीप
झाबुआ। जिले के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक अध्ययनरत हजारो स्टूडेंट की अपार आईडी यानी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्टर आईडी बनाई जाएगी। जिसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय से सभी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर दिए हैं। पत्र के अनुसार पहले यह आईडी सिर्फ पीएम श्री स्कूलों के बच्चों की बनाई जानी थी,लेकिन 25 सितंबर को जारी संशोधित पत्र में जिले के सभी स्कूलों को शामिल कर लिया गया है। लेकिन अभी तक स्कूल के स्टाफ को इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं है। पत्र के निर्देश के क्रम में अभी तक सिर्फ पीएम श्री स्कूलों के स्टूडेंट को एक सहमति पत्र दिया गया है। जिसके बारे भी पूरी जानकारी नहीं दी गई। जिससे अधिकांश अभिभावक तो इसे समझ ही नहीं पा रहे हैं।
छात्र-अभिभावकों और स्कूलों के लिए अपार आईडी का उपयोग……………..
अपार आईडी अद्वितीय प्रकृति की होगी और एक राष्ट्र,एक छात्र आईडी के रूप में काम करेगी। जो सभी उपयोग के उददेश्यों के लिए छात्रों को पहचान देगी। छात्रों को एक स्कूल से दूसरे स्कूल,राज्य आदि में स्थानांतरित करना आसान होगा। यह छात्रों को अपनी आईडी के साथ सशक्त बनाएगा। यह विशिष्ट आईडी आजीवन रहेगी। शैक्षिक प्रगति और उपलब्धि पर नजर रखने के लिए उपयोगी होगी। अपार आईडी ड्रॉपआउट छात्रों की निगरानी और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए उपयोगी होगी। यह आईडी डिजिलॉकर इकोसिस्टम तक पहुंचने का प्रवेश द्वार होगा। इसमें छात्र की सभी उपलब्धियां जैसे परीक्षा परिणाम, समग्र रिपोर्ट कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड, सीखने के परिणामों के अलावा खेल, कौशल प्रशिक्षण या कोई भी क्षेत्र चाहे वह ओलंपियाड हो, को डिजिटल रूप से संग्रहित करेगा। इसके जरिए छात्र भविष्य में अपनी उच्च शिक्षा या रोजगार के उद्देश्य के लिए क्रेडिट स्कोर का उपयोग कर सकते हैं।
पीएम श्री के बाद अब सभी सरकारी स्कूलों को किया शामिल……………….
पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अपार आईडी के संबंध में पहले स्टूडेंट और अभिभावकों को स्कूल में बुलाकर पूरी जानकारी दी जाए। बता दें कि स्कूली शिक्षा के स्तर पर वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी कार्ड योजना के रूप में सरकार ने अच्छी पहल की है। जिसके तहत रजिस्टर्ड होने के बाद स्टूडेंट को पूरी स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज में पीएचडी करने तक कभी भी अलग से कोई भी जरूरी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी जमा नहीं करनी पड़ेगी। यही नहीं हर क्लास की मार्कशीट भी उसे अपने आईडी पर मिल जाएगी। बता दें कि यह योजना जिले के सभी पीएमश्री स्कूलों के बाद अब सभी सरकारी अमल में लाई जा रही है। जिसके क्रियान्वयन के लिए स्टूडेंट को एक सहमति पत्र दिया गया है। जिसमें अभिभावक को अपार आईडी यानी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्टर आईडी बनाई जाने के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ स्टूडेंट का आधार नंबर यूआईडीएआई द्वारा जारी जनसांयिकीय जानकारी साझा करने की सहमति देना है।
माता-पिता की सहमति आवश्यक …………….
जानकारी के मुताबिक लोक शिक्षण संचालनालय ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत सबसे पहले पीएम श्री विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री आईडी बनाई जाने को लेकर पत्र जारी कर दिशा निर्देश दिए हैं। जिसके तहत प्रत्येक छात्र के आधार नंबर के आधार पर अपार आईडी तैयार की जाएगी। जिसके लिए माता-पिता की सहमति आवश्यक है। अपार आईडी में संग्रहित जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा। गौर करने वाली बात है कि अभिभावकों की सहमति प्राप्त करने के लिए 14 सितंबर तक आवश्यक रूप से अभिभावक व पालक संघ की मीटिंग आयोजित की जानी थी लेकिन ऐसा किसी भी पीएम श्री स्कूल ने अब तक नहीं किया है।
अधिकांश शिक्षकों को इस विषय के बारे में बिल्कुल भी जानकारी तक नहीं………….
स्कूलों में जाकर हमारी टीम ने पड़ताल की तो अधिकांश शिक्षकों को इस विषय के बारे में बिल्कुल भी जानकारी तक नहीं थी। औपचारिकता पूरी करने स्टूडेंट को सहमति पत्र देते समय भी जरूरी प्रारंभिक जानकारी तक नहीं दी गई। इसी वजह से अधिकांश अभिभावक तो संशय में है सहमति दें या नहीं और इसका लाभ क्या है…?
9 से 12 वीं के ही बच्चों की बनेगी आईडी……………………..
पीएम श्री उमावि में अपार आईडी के प्रभारी शिक्षक के अनुसार प्रारंभिक चरण में सिर्फ पीएम श्री स्कूलों में कक्षा 9 और 12 वीं के छात्र-छात्राओं की आईडी बनाई जा रही है। जिसके तहत कक्षा 9 वीं के स्टूडेंट को आगामी कक्षाओं में एडमिशन के दौरान मार्कशीट व अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करने होंगे। वहीं कक्षा 12 वीं के स्टूडेंट पास होने के बाद स्कूल से चले जाएंगे इसलिए उनकी आईडी अभी बनाई जा रही है जो कॉलेज में एडमिशन लेते समय काम आएगी। लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र के अनुसार अपार आईडी बनाने का काम 30 अक्टूबर 2024 तक पूरा करना है। आगामी अकादमिक सत्र से सभी विद्यार्थियों का डाटा इसी अपार आईडी के माध्यम से संधारित किया जाएगा।