पढ़िए…प्रदेश की खरी-खरी SMS NEWS * की विशेष प्रस्तुति-खबर है तो दिखेंगी एमपी -जुआरियों का गजब प्रेम ……!
एमपी -जुआरियों का गजब प्रेम ……
भोपाल माध्यप्रदेश । जबलपुर के एसपी कार्यालय से जारी फरमान हंसी का कारण बन गया है,लेकिन जुआरियों का तो एसपी ने दिल ही जीत लिया। 29 अक्टूबर को दीपावली से आज देव उठनी ग्यारस तक के लिये जारी इस फरमान में एसपी संपत उपाध्याय ने सभी थाना प्रभारियों के साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को यह निर्देश दिये गये किजहां से भी जुआं खेलने संबंधी सूचना आए,तो गोरिल्ला तरीके वाला छापा नहीं मारें। यह कार्रवाई ऐसी हो कि जुआंरियों को खबर लग जाए, साथ ही इनकी धरपकड़ से पहले यह देख लें कि उस स्थान के आसपास कहीं कुआं,नदी या बावड़ी आदि तो नहीं है। बस पुलिस सिर्फ अपनी मौजूदगी का उन्हें अहसास करा दे ताकि वे आराम से भाग सके। ध्यान रहे गिरफ्त में आने से बचने के लिए कोई जुआंरी हड़बड़ाहट में कुए,बावड़ी या नदी में ना गिर जाए। इसी तरह दूसरी-तीसरी मंजिल पर जुआं खेलने वालों को भी पुलिस अपनी मौजूदगी का अहसास कराए,ताकि वो लोग खुद ही भाग जाएं। यह अजीबोगरीब आदेश वॉयरल होने के बाद जब जबलपुर एसपी के *जुआंरी प्रेम * की खिल्ली उड़ने लगी,तो फिर उन्होंने संसोधित आदेश जारी कर कहा कि जुआंरियों की धरपकड़ में सावधानी बरती जाय। आदेश पर कांग्रेस ने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि प्रदेश को पहले बेरोजगार,फिर नसेड़ी अब जुआरियो का प्रदेश बनाने की शर्मनाक हरकत गृहमंत्री के संरक्षण के बिना संभव ही नही है।
कोडवानी के नाम होगी कामयाबी ………
जब खुद मुख्यमंत्री इंदौर के बीआरटीएस को लेकर मुख्यमंत्री पूछताछ करें तो मान लेना चाहिए कि भोपाल में सफाए के बाद इंदौर वाले बीआरटीएस की भी उल्टी गिनती अब शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि राज्य सरकार 2025 में इंदौर की इस मांग को मंजूर कर सकती है। अब रही बात बीआरटीएस को अनुपयोगी बता कर हाइकोर्ट में लड़ाई लड़ने की,तो इसका श्रेय तो किशोर कोडवानी को देना ही पड़ेगा। बीते कई वर्षों से वो इस मामले में शासन के हर जवाब को अपने सटीक तर्कों से ध्वस्त नहीं करते,तो कोर्ट के निर्देश पर जिला प्रशासन को जांच समिति गठित नहीं करना पड़ती। यह बात अलग है कि जो समिति गठित की गई उसकी आज तक बैठक भी नहीं हुई है।
फिर जल उठा दीपक…….
यह बात तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ही जानते है कि उनके इस दावे में कितनी सच्चाई है कि भाजपा ने उन्हें अपने साथ आने के लिये पचास करोड़ के साथ मंत्री पद का ऑफर भी दिया था। राजनीति के संत कहे जाने वाले पूर्व सीएम कैलाश जोशी के कुल दीपक की ही बात करें,तो करीब 560 दिन पहले वो शिवराज सिंह चौहान से रूठ कर पार्टी को छोड़कर एक हाथ में गदा और तो दूसरे हाथ से कमलनाथ की अंगुली पकड़ कर कांग्रेस में चले गए थे। मजेदार बात तो यह है कि अभी जब बुधनी में उपचुनाव की सरगर्मी चल रही है तो वे कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल के पक्ष में मंच से भाजपा को दोगुली पार्टी बता रहे थे और उसके चार दिन बाद ही वे शिवराज सिंह से ऐसे लिपट गए,जैसे सिंहस्थ में दो भाई बिछड़ने के बाद मिले हों। इस घर वापसी के वक्त उनके हाथों में वो गदा भी नहीं दिखा,जिसके वार से उन्होंने भाजपा का अहं चूर-चूर करने का संकल्प लिया था। जब मप्र में कांग्रेस की सरकार ही नहीं बनी,तो वे यहां करते भी क्या०००००
मोहम्मद सुलेमान की एमपी 02 की चाहत………….
मोहम्मद सुलेमान की बड़ी इच्छा तो मन में ही दबी रह गई। अब छोटी सी ख्वाहिश है कि जो नई गाड़ी अलॉट हुई है,कम से कम उसका नंबर एमपी 02 सीरिज का मिल जाए। ये कोई इतनी बड़ी बात है भी नहीं,लेकिन टेक्निकल प्रॉब्लम यह है कि मोहम्मद सुलेमान वर्तमान में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के अध्यक्ष बनाये गये हैं। वल्लभ भवन,मंत्रालय और संचालनालय से अब उनका कोई रिश्ता नहीं है। जबकि एमपी 02 पर पहला हक मंत्रालय और संचालनालय के वाहनों का है। निगम, मंडल,बोर्ड के लिए सामान्य सीरीज के नंबर ही आवंटित किए जाते हैं।
कुछ तो बात है…….
मुख्यमंत्री और नंबर टू माने जाने वाले मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बीच कुछ तो खटर-पटर चल रही है। अब तक हुई केबिनेट की बैठकों में विजयवर्गीय शामिल ही नहीं हो पाए। वे बैठक में अनुपस्थित रहे,तो ब्रीफिंग का काम उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने ही अब तक संभाल रखा है। यह भी आगे कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नागपुर क्षेत्र की 12 सीटों की जिम्मेदारी के चलते वे समय नहीं निकाल पा रहे हैं। गौरतलब है कि संबंध निभाने के मामले में विजयवर्गीय कितने सजग रहते हैं,यह सब जानते ही हैं।
ताई वाली परंपरा स्वाति ने संभाली…………….
लगातार आठ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन ताई हर साल पत्रकारों को भाई-दूज भोज पर आमंत्रित करती थीं। ताई अब उतनी सक्रिय नहीं हैं,लिहाजा भोज वाली वह परंपरा स्वाति युवराज काशिद ने पिछले साल से शुरू कर दी। अब चूंकि वो अभा महिला मराठी महासंघ की अध्यक्ष भी निर्वाचित हो गई हैं ,तो इस बार यह भोज भी एक तरह से शक्ति प्रदर्शन बन गया।
फोटो ०१- संपत उपाध्याय-एसपी,जबलपुर
फोटो ०२-29 अक्टूबर एसपी जबलपुर का आदेश
फोटो ०३-उमंग सिंघार नेता प्रतिपक्ष
फोटो ०४-मोहम्मद सुलेमान-प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ,अध्यक्ष
फोटो 0५-कैलाश विजयवर्गीय-मंत्री और मुख्यमंत्री
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